बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 9 जनवरी।बस्तर संभागीय मुख्यालय के जगदलपुर विधानसभा के अंतर्गत नगरनार स्टील प्लांट से गणपति रिर्साट होते हुए जगदलपुर शहर को जोडऩे वाली वैकल्पिक सडक़ जिला परिवहन नियमों के उलंघन, प्रशासनिक लापरवाही व विगत 10वर्षों से अधिक जनप्रतिनिधि की उदासीनता के चलते जर्जर हालत व गड्डों में तब्दील हो गई है।
उत्पन्न परिस्थिति के चलते जनता को हो रही असुविधा को देखते हुए प्रशासन के क्रियाकलाप को आड़े हाथ लेते हुए बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा के संयोजक नवनीत चांद व जिला संयोजक भरत कश्यप ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि एनएमडीसी द्वारा बस्तर विकास मद की राशि से जिला निर्माण समिति के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा विगत कई वर्षों पूर्व इस सडक़ का निर्माण करवाया गया था। सडक़ की क्षमता अनुसार वाहनों के आवाजाही पर निगरानी रखने हेतु परिवहन व यातायात विभागों की जिम्मेदारी तय की गई थी व कर्त्तव्य के निर्हवन पर नजर रखते हुए दिशा निर्देश देने जिम्मा स्थानीय प्रशासन व निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का था प्रभावित ग्राम पंचायतों के द्वारा लगातार गढ्ढो में तब्दील सडक़ की कायाकल्प की मांग समय समय पर जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के समक्ष रखी गई है। परन्तु विडम्बना है कि कई बार मांग के बाद भी प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के उदासीनता के चलते सडक़ के प्रभावित ग्राम पंचायतों के निवासियों को जर्जर सडक़ पर चलने हेतु मजबूर होना पड़ रहा है।
मुक्ति मोर्चा द्वारा सडक़ निर्माण प्रक्रिया जांच पड़ताल किए जाने पर वर्तमान सडक़ निर्माण एजैंसी प्रधानमंत्री सडक़ निर्माण योजना का होना पाया गया है। बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा जिला प्रशासन स्थानीय जनप्रतिनिधियों व सडक़ निर्माण एजैंसी से अपील करता है कि शहर से नगरनार को जोडऩे वाली वैकल्पिक सडक़ के जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ करें, वहीं जिले की सभी जर्जर सडक़ों का सर्वे कराकर कायाकल्प करवाया जाए। समय रहते यदि स्थानीय प्रशासन व जिम्मेदार एजेंसी द्वारा जर्जर सडक़ों का मरम्मत कार्य प्रारंभ नहीं किया गया तो बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा द्वारा चरण बंद तरीके से सडक़ से प्रभावित होने वाले ग्राम पंचायतों के साथ लोकतांत्रिक तरीकों से आंदोलन किया जाएगा।