बलौदा बाजार
शिवरीनारायण, 10 जनवरी। राजधानी रायपुर के अवंती विहार गायत्री नगर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में भव्य राम कथा का आयोजन किया गया है जिसमें श्री अयोध्या धाम के सुग्रीव किला से पधारे हुए अनंत श्री विभूषित श्री स्वामी विश्वेश प्रपन्नाचार्य जी महाराज व्यास पीठ पर विराजित हैं।
कथा श्रवण करने के लिए राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज उस समय उपस्थित हुए जब आचार्य जी जनक वाटिका में माता जानकी और प्रभु श्री रामचंद्र जी के चरित्र का वर्णन श्रोताओं को सुना रहे थे उन्होंने कहा कि तेहि अवसर सीता तहँ आई गिरिजा पूजन जननी पठाई जिस समय प्रभु श्री रामचंद्र जी अपने अनुज लक्ष्मण जी के सहित मालियों से पूछ करके प्रसन्न मन से पत्र- पुष्प लेने लगे हैं उसी समय सीता जी वहां आई माताजी ने उन्हें गिरिजा जी की पूजा करने के लिए भेजा था।
सीता जी की अनुपम शोभा को देखकर श्री रामचंद्र जी एकटक निहारने लगे -सिय मुख ससि भए नयन चकोरा!! श्री सीता जी के मुख रूपी चंद्रमा के लिए उनके नेत्र चकोर बन गए फिर अपने आप को संभालते हुए श्री रामचंद्र जी ने अनुज लक्ष्मण से कहा तात जनक तनया यह सोई, धनुष जग्य जेहि कारण होई!! हे तात यह वही जनक जी की कन्या है जिसके कारण धनुष यज्ञ हो रहा है आचार्य जी ने सीताराम विवाह महोत्सव की बहुत ही सरल तथा सरस कथा लोगों को सुनाकर मंत्र मुग्ध कर दिये जैसे ही सीताराम जी का माल्यार्पण हुआ आचार्य जी ने आशीर्वाद प्रदान करने के लिए राजेश्री महन्त जी महाराज को मंच पर बुलवा लिया और कहा कि विश्वामित्र ऋषि की तरह राजेश्री महन्त जी महाराज यहां सीताराम विवाह महोत्सव के अवसर पर विवाह संपन्न कराने के लिए उपस्थित हुए हैं। उन्होंने उनसे आशीर्वचन प्रदान करने का आग्रह किया इस पर राजेश्री महन्त जी महाराज ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि श्री शिवरीनारायण की पावन धरा में मंच पर विराजित आचार्य जी ने संगीतमयी श्रीराम कथा श्रोताओं को सुनाया था वहां भव्य विवाह महोत्सव में ऐसे ही पगड़ी धारण हमें कराया था और स्वयं धारण किए थे आज वही दृश्य यहां रायपुर राजधानी के श्री जगन्नाथ मंदिर में उपस्थित हुआ है।
अयोध्या धाम से पधारे हुए आचार्य श्री परम विद्वान हैं उनकी वाणी को सुनने के लिए लोग लालायित रहते हैं हम सब भाग्यशाली हैं उन्होंने परमात्मा की विवाह लीला का कथा सुना कर हम सबको कृत कृत्य किया है, उन्हें शुभकामनाओं सहित बधाई देना चाहता हूं कि वे देश- विदेश में ऐसे ही सनातन धर्म का प्रचार और प्रसार निरंतर करते रहें। महन्त जी महाराज के साथ राम कथा श्रवण करने के लिए मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव, योगेश उपाध्याय विशेष रूप से उपस्थित थे।