सरगुजा
अम्बिकापुर, 12 जनवरी। मनरेगा से जहां ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है वहीं किसानों को स्थायी परिसंपति के रूप में कूप, तालाब, कुक्कुट आश्रय से स्वरोजगार प्राप्त हो रहा है। हितग्राहियों को आजीविकामूलक गतिविधियों से जोडक़र आर्थिक मजबूती, स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। मनरेगा के कुँआ निर्माण योजना के अन्तर्गत बाड़ी तथा खेतों में कृषि हेतु सिंचाई उपलब्ध कराने के लिए वृहद स्तर पर कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में जनपद पंचायत अम्बिकापुर के अंतर्गत आने वाले ग्राम करैया निवासी किसान चिंताराम को मनरेगा के तहत कूप निर्माण से सिंचाई की सुविधा मिली तो सब्जी की खेती शुरू की। अब साल भर में करीब 30 हजार रुपये तक की सब्जी की बिक्री कर रहे हैं। सब्जी की खेती से चिंताराम को परिवार के गुजर-बसर के लिए अतिरिक्त आय मिल रहा है जिससे उनकी चिंता दूर हुई है।
किसान चिंताराम घर की बाड़ी में एक कुँआ निर्माण के लिए वर्ष 2018 में आवेदन किया। आवेदन करने के पश्चात उन्हें कूप खनन की स्वीकृति प्राप्त हुई। मनरेगा के तहत शासन के द्वारा उनके बाड़ी में कुँआ निर्माण का कार्य कराया गया। कुँआ बन जाने से वे अपने बाड़ी में टमाटर, गोभी, मटर, पालक, मेथी, धनिया पत्ती तथा अन्य साग-सब्जी का उत्पादन करते हैं। उत्पादित सब्जी को गुदरी बाजार अम्बिकापुर में ले जाकर बेचते हैं।
किसान चिंताराम ने बताया कि कुँआ निर्माण से मुझे जीविकोपार्जन का साधन मिला। सब्जी बेचकर हुई आमदनी से परिवार का खर्च चलता है। इससे मेरे आय में वृद्धि के साथ-साथ आर्थिक स्थिति सदृढ़ करने में सहायता होती है। मुझे राजीव गांधी किसान न्याय योजना से अंतर की राशि लगातार प्राप्त हो रही है। शासन की जनकल्याणकारी योजनाएं ग्रामीण अंचल के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है जिसमें ग्रामीणों को स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता की राह सुदृढ नजर आती है।