महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 12 जनवरी। छग पंचायत सचिव संघ के बैनर तले शासकीयकरण की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे पंचायत सचिवों ने सोमवार को हड़ताल के 16 वें दिन भैंस के आगे बीन बजाकर सरकार को जगाने का प्रदर्शन किया। इस दौरान मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की गई।
हड़ताली सचिव मंगलवार से क्रमिक भूख हड़ताल पर हैं। जिले के 545 पंचायतों में सचिवों के हड़ताल से काम प्रभावित हैं। इसआंदोलन को लेकर नित नए प्रयोगों से धरना पंडाल की ओर लोग खींच चले जा रहे हैं। रोजगार सहायक भी अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर सचिवों के साथ ही हड़ताल पर हैं।
मनरेगा के रोजगार सहायकों के अनिश्चितकालीन हड़ताल में चले जाने से करोड़ों रुपए के रोजगार मूलक कार्य ठप पड़े हैं। मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है। हड़ताल कब तक चलेगी स्पष्ठ नहीं है किन्तु इतना निश्चित है की हडताल के चलते मजदूर रोजगार से वंचित हैं और पलायन को विवश हैं। धरनारत रोजगार सहायक संघ के अध्यक्ष डाकेश्वर यादव ने दावा किया है कि अकेले पिथौरा ब्लाक में 19 करोड़ से अधिक के विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं और मनरेगा में कार्यरत चार हजार से अधिक श्रमिक मनरेगा के कार्य से वंचित हो गए हैं।
श्री यादव ने बताया की रोजगार सहायक 30 दिसम्बर से अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं।
हड़ताल के पूर्व पिथौरा जनपद की 126 पंचायतों में से 116 ग्राम पंचायतों में 19 करोड़ रुपए से अधिक के रोजगार मूलक कार्य चल रहे थे जो हड़ताल के कारण पूरी तरह बंद हैं। इसी तरह हड़ताल के पूर्व लगभग पांच हजार श्रमिकों को पिथौरा ब्लाक में रोजगार मिल रहा था जबकि वर्तमान में केवल सौ, डेढ़ सौ मजदूर ही एजेंसियों के माध्यम से काम पर लगे हुए हैं। संघ के अध्यक्ष शअरी यादव ने शासन से अपील की है कि हठधर्मिता छोडक़र शासन रोजगार सहायकों की तीनों जायज मांगों को पूर्ण करे ताकि मनरेगा के कार्यों का पूर्ववत लाभ ग्रामीण मजदूरों को मिल सके।