रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 जनवरी।केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से देशभर के चिकित्सा संस्थानों में स्वच्छता और संक्रमण रोकने के लिए दिए जाने वाले कायाकल्प पुरस्कार की घोषणा मंगलवार को नई दिल्ली में की गई। एम्स रायपुर को वर्ष 2019-20 के लिए बी कैटेगरी (नए स्थापित अस्पतालों की श्रेणी) में 50 लाख रुपये का तृतीय पुरस्कार मिला है। राष्ट्रीय स्तर पर इस उपलब्धि के लिए एम्स को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की ओर से पुरस्कृत किया गया।
एम्स रायपुर को बी कैटेगरी में कमांडेशन अवार्ड दिया गया है। इसके अंतर्गत 50 लाख रुपये और सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है। बी कैटेगरी में प्रथम पुरस्कार एम्स भुवनेश्वर को मिला है। निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने इस उपलब्धि के लिए कायाकल्प के नोडल ऑफिसर डॉ. मृत्युजंय राठौर, प्रो. करन पीपरे, प्रो. एली महापात्रा, डॉ. पदमा दास, डॉ. अभिरुचि गल्होत्रा, डॉ. उज्जवला गायकवाड़, उप-चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नितिन बोरकर, डॉ. रमेश चंद्राकर, इंजी. मनोज रस्तोगी सहित संक्रमण को रोकने और स्वच्छता को प्रोत्साहित करने वाली सभी चिकित्सकों और कर्मचारियों को बधाई दी है।
प्रो. नागरकर ने कहा है कि अस्पताल परिसर को निरंतर स्वच्छ बनाए रखना और संक्रमण मुक्त रखना प्रबंधन के लिए चुनौतीपूर्ण होता है ऐसे में राष्ट्रीय स्तर पर यह उपलब्धि एम्स रायपुर के लिए गौरवपूर्ण क्षण है। सभी के संयुक्त प्रयासों से यह सफलता मिल सकी है।
‘कायाकल्प’ प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत सबसे अधिक स्वच्छ और संक्रमण मुक्त पाए जाने वाले चिकित्सा संस्थानों को प्रथम (तीन करोड़ रुपये), द्वितीय (एक करोड़ रुपये) और तृतीय (पचास लाख रुपये) के पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। इस योजना में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की दो टीमें संबंधित संस्थान का दौरा कर उसका मूल्यांकन करती हैं। वर्ष 2020 में कायाकल्प के लिए केंद्रीय टीमों ने एम्स रायपुर का मूल्यांकन किया था मगर कोविड-19 की वजह से पुरस्कार की घोषणा स्थगित कर दी गई थी। एम्स को इससे पूर्व दो बार यह पुरस्कार मिल चुका है।