गरियाबंद

गरियाबंद : 12 प्रकरणों में से 7 पर रजामंदी
15-Jan-2021 4:14 PM
गरियाबंद : 12 प्रकरणों में से 7 पर रजामंदी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 15 जनवरी। 
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने  गुरुवार को गरियाबंद जिले में महिला उत्पीडऩ से संबंधित प्रकरणों पर जन-सुनवाई की। सुनवाई में 15 प्रकरण रखे गये थे। जिसमें 12 प्रकरणों पर सुनवाई हुई, 07 प्रकरणों को रजामंदी कर नस्तीबद्ध किया गया। डॉ. नायक ने महिलाओं को समझाईश देते हुए कहा कि घरेलू आपसी मनमुटाव का समाधान परिवार के बीच किया जा सकता है। घर के बड़े बुजुर्गों का सम्मान एवं आपसी सामंजस्य सुखद गृहस्थ के लिए महत्वपूर्ण है। 

जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित सुनवाई में मुख्य रूप से महिलाओं से मारपीट, मानसिक प्रताडऩा, सम्पत्ति विवाद, बाल विवाह एवं विविध प्रकरणों पर सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान कलेक्टर  निलेशकुमार क्षीरसागर, पुलिस अधिक्षक  भोजराम पटेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  सुखनंदन राठौर, अपर कलेक्टर  जे.आर.  चौरसिया, जिला महिला बाल विकास अधिकारी  जगरानी एक्का, शासकीय अधिवक्ता सुश्री शमीम रहमान सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। 

जन सुुुनवाई के दौरान छुरा विकासखंड के ग्राम खुडिय़ाडिह की आवेदिका ने अनावेदक ग्राम पंचायत के सरपंच के खिलाफ मानसिक प्रताडऩा एवं गांव में किसी से भी बातचीत बंद करने तथा किराना दुकान से सामान लेनदेन बंद करने की शिकायत की थी। इस पर अनावेदकों ने बताया कि उनके खिलाफ इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है और भविष्य में भी इस तरह की कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। सरपंच और ग्रामीणों ने सफाई देते हुए कहा कि आवेदिका महिला एवं परिवार का हुक्का पानी बंद नहीं किया गया है तथा उनके साथ गांव के सभी लोग बातचीत करेंगे। इस प्रकरण में महिला आयोग द्वारा समझाईश दी गई की भविष्य में अनावेदको द्वारा आवेदिका व उनके परिवार के खिलाफ किसी भी तरह की प्रतिबंध की शिकायत मिलने पर संबंधित अनावेदकों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

नगर पंचायत छुरा की आवेदिका ने अपने पति के विरूद्ध परिवारिक विवाद के संबंध में आयोग को आवेदन प्रस्तुत की थी। आयोग द्वारा आवेदिका एवं अनावेदक के पक्ष सुनने के बाद अनावेदक को 6 माह तक आवेदिका को प्रतिमाह 10 हजार रूपये भरण-पोषण व दुकान चलाने हेतु दो कमरे उपलब्ध कराने तथा आवेदिका को ससुराल में रहने की सलाह दी गई। आवेदिका और अनावेदक की व्यवहार पर निगरानी हेतु थाना प्रभारी छुरा और थाना प्रभारी कोमाखान को निर्देशित किया गया है। साथ ही 6 माह पश्चात उक्त प्रकरण आयोग के समक्ष पुन: रखा जायेगा। 

इसी प्रकार छुरा की अवेदिका ने अपने पति के विरूद्ध परिवारिक विवाद के संबंध में आयोग को आवेदन प्रस्तुत की थी। आयोग द्वारा आवेदिका एवं अनावेदक के पक्ष सुनने के बाद अनावेदक को 3 माह तक आवेदिका को भरण-पोषण हेतु राशि, राशन की व्यवस्था, छुरा में आवेदिका के लिए किराया मकान, उनके पिता व दोनो बच्चे को साथ रखने के साथ ही अनावेदिका के लिए स्कूटी और सिलाई मशीन व्यवस्था करने कहा गया। तीन माह तक स्थानीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा आवेदिका और अनावेदक के व्यवहार पर निगरानी रखी जायेगी। 03 माह पश्चात आयोग द्वारा रायपुर में प्ररकण का पुनरीक्षण किया जायेगा।

मैनपुर विकासखण्ड के ग्राम सागड़ा की आवेदिका ने अपने पति द्वारा दूसरी विवाह कर लेने व उन्हें व बच्चों को छोड़ देने की शिकायत पर आयोग द्वारा अनावेदक के अनुपस्थिति में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को अनावेदक को संबंधित थाने में बुलाकर आवश्यक समझाईश देने तथा उनके पक्ष संबंधी रिपोर्ट 15 दिवस में आयोग को प्रस्तुत करने निर्देशित किया गया। इसी प्रकार राजिम तहसील के ग्राम बासीन की आवेदिका द्वारा प्रस्तुत प्रकरण पर अनावेदको और आवेदिका की विचार सुनने के बाद आयोग द्वारा अनावेदक को जमीन का एक चौथाई हिस्सा आवेदिका के नाम पर करने तथा आवेदिका का चारित्रिक हनन नहीं करने की समझाईश दी गई। इसके अलावा 07 ऐसे प्रकरण जो सम्पत्ति विवाद तथा न्यायालयीन प्रकरण से संबंधित थे, आयोग द्वारा नस्तीबद्ध किया गया। आज के सुनवाई के दौरान आयोग को बाल विवाह से संबंधित एक शिकायत ऐसी भी मिली, जिस पर दो आवेदिका ने स्वयं के द्वारा शिकायत नहीं करने की जानकारी आयोग को दी गई। आयोग द्वारा आवेदिकाओं द्वारा प्रस्तुत आवेदन से हस्ताक्षर मिलान पश्चात हस्ताक्षर नहीं मिलने पर शिकायत नस्तीबद्ध किया गया। आयोग की सुनवाई के दौरान आवेदिका व अनावेदक एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news