बलरामपुर
-कहा- गंगाजल की झूठी कसम खाने वाली कांग्रेस सरकार की नीयत - नीति साफ नही
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुसमी, 15 जनवरी। पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक संघ का हड़ताल 21 दिन से लगातार जारी हैं। सचिव संघ की एक सूत्री मांग शासकीय करण की है वहीं रोजगार सहायकों की मांग में ग्रेड पे निर्धारण कर नियमितीकरण नगर पंचायत में शामिल होने वाले ग्राम पंचायतों के रोजगार सहायकों को संबंधित निकाय में शामिल करना रोजगार सहायकों को वरिष्ठता के आधार पर सचिव पद पर सीधी भर्ती तथा रोजगार सहायकों को सहायक सचिव घोषित किया जाना शामिल हैं।
धरना स्थल पर आज शुक्रवार को कुसमी भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता व पूर्व जनपद पंचायत उपाध्यक्ष कुसमी जन्मजय सिंह, उमेश्वर ओझा, रामानंद यादव, अर्जुन यादव, राकेश भारती, मो. शमीम एवं अन्य कार्यकर्ताओं पहुँच कर हड़ताल में बैठे पंचायत कर्मियों की मांगों को समर्थन दिया। इस दौरान पूर्व जनपद पंचायत उपाध्यक्ष जन्मजय सिंह ठाकुर ने कहा कि गंगा जल की झूठी कसम खाने वाली गूंगी बहरी सरकार की नीयत व नीति सही होती तो आज सचिवों को हड़ताल नहीं करना पड़ता। यदि शासकीय कर्मचारियों के मांगों पर अमल नही होता है तो जान लीजिये बहोत जल्द कुर्सी छोडऩा पड़ेगा. ये सचिव कोई भीख नही मांग रहे हैं यह मांग इनका हक है। कांग्रेस सरकार अहंकारी हो गई है अहंकार छोड़ इनके मांग को पूरी करे. लंबे समय तक सत्ता में काबिज हमारी पार्टी कर्मचारियों की ताकत देख चुकी है अहंकार किसी भी सरकार को रसातल पहुँचा सकती है ये कर्मचारी चाहें तो किसी किसी की भी सरकार को बदलने की ताकत होते है सचिवों के मांग जायज है सरकार जल्द इनके मांगों को पूरा करे
मो. शमीम ने कहा कि कांग्रेस की रीति नीति शुरू से साफ नही रही हैं चुनाव से पहले वादा खूब किया जाता हैं लेकिन वादा पूरा नही किया जाता हैं। मैं एक समाज का खुद सचिव हु मुझे बखूबी पता हैं कि सचिव के ऊपर कितना जिम्मा होता हैं पूरा लेखा जोखा सचिव के जिम्मे होता हैं। मो शमीम ने समाचार के माध्यम से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपील किया हैं कि सचिवो के मांगो पर जल्द अमल किया जाये।
राकेश भारती ने कहा कि कांग्रेस सरकार कहती कुछ है और करती कुछ है, कांग्रेस अपने चुनावी घोषणा पत्र में इन पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने की बात कही थी परन्तु वादा से मुकर रही है।
सचिवों का कहना है जब तक हमारी मांग पूरा नही होगी आंदोलन जारी रहेगा पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायकों की हड़ताल से पंचायत के कार्यों पर बुरा असर पड़ रहा है मनरेगा कार्य पूरी तरह से ठप हो चुका है मजदूरों के भुगतान नहीं हो पा रही है अगर जल्द हड़ताल समाप्त नहीं हुआ तो पंचायत के कार्यों में काफी दिक्कत का सामना होगा।