बिलासपुर

छात्रों को गुरु घासीदास के आदर्श वाक्य- मनखे-मनखे एक समान को आत्मसात करना चाहिये- प्रो. पांडे
15-Jan-2021 10:05 PM
छात्रों को गुरु घासीदास के आदर्श वाक्य- मनखे-मनखे एक समान को आत्मसात करना चाहिये- प्रो. पांडे

सादगी व उल्लास के साथ मनाया गया गुरु घासीदास केन्द्रीय विवि का 12वां स्थापना दिवस

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 15 जनवरी। केन्द्रीय गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में 12वां स्थापना दिवस सादगी व उल्लास के साथ आज मनाया गया।

रजत जयंती सभागार में हुए इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पं. रविशंकर विवि रायपुर के पूर्व कुलपति प्रो. एसके पांडे थे। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि गुरु घासीदास ने समाज सुधार के लिये अथक प्रयास किये। हमें उनके बताये गये आदर्श वाक्य ‘मनखे-मनखे एक समान’ को जीवंत करते हुए चलना चाहिये। उन्होंने कहा कि कोविड -19 महामारी ने हमें चुनौतियों का सामना करने के लिये तैयार किया है। नई शिक्षा नीति 2020 हमारे गौरवशाली अतीत को समाहित करते हुए वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार बनाई गई है। प्रो. पांडे ने ग्रामीण व शहरी शिक्षा में भेद पर भी अपने विचार रखे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. अंजिला गुप्ता ने कहा कि उनके पांच साल के कार्यकाल में शिक्षकों व छात्रों ने शिक्षा, शोध, तकनीक, इनोवेशन, प्रतिष्ठित परीक्षाओं में सफलता सहित कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं छोड़ा जहां कीर्तिमान स्थापित न हुआ हो। पिछले पांच सालों में विश्वविद्यालय ने 12 विभाग से 32 विभागों और 2 हजार से 8 हजार छात्र होने का गौरव हासिल किया। विश्वविद्यालय में 118 नियमित शिक्षकों की नियुक्ति की गई। अब यहां 300 से अधिक नियमित शिक्षक हैं। 150 से ज्यादा अस्थायी शिक्षक और विश्वविद्यालय परिवार में एक हजार से ज्यादा शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारी सदस्य हैं। विश्वविद्यालय का कोई दीक्षांत समारोह भी वर्तमान में शेष नहीं है।  

अतिथियों का विश्वविद्यालय के स्वागत तरंग बैंड ने सरस्वती गीत व कुल गीत की मोहक प्रस्तुति से किया।

छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. एम.एन. त्रिपाठी ने स्वागत उद्बोधन के साथ मुख्य अतिथि का संक्षिप्त परिचय दिया।

कार्यक्रम में स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता एवं कथाकारिता प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार वितरित किये गये। राजभाषा प्रकोष्ठ की वार्षिक पत्रिका ‘गुरु दर्शन’ के दूसरे अंक का विमोचन भी इस मौके पर किया गया।

कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. शैलेन्द्र कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. गरिमा तिवारी ने किया।

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