रायपुर

बोधघाट परियोजना का डीपीआर तैयार 3 चरणों में पूरा होगा, पहले पुनर्वास
16-Jan-2021 4:17 PM
बोधघाट परियोजना का डीपीआर तैयार 3 चरणों में पूरा होगा, पहले पुनर्वास

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 16 जनवरी। बोधघाट परियोजना तीन चरणों में पूरी होगी। इसके लिए डीपीआर तैयार कर ली गई है। परियोजना पर करीब 23 हजार करोड़ खर्च होंगे। परियोजना के लिए राशि जुटाने वित्तीय संस्थाओं से चर्चा चल रही है। बताया गया कि परियोजना से प्रभावितों का पुनर्वास होने के बाद ही काम शुरू किया जाएगा।

राज्य सरकार ने इंद्रावती नदी पर प्रस्तावित बोधघाट परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के पूरा होने से बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिले के साढ़े 3 लाख हेक्टेयर से अधिक सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। बोधघाट परियोजना के सर्वेक्षण के लिए केन्द्र सरकार की एजेंसी वाप्कोस लिमिटेड को काम दिया है। परियोजना पर 22 हजार 653 करोड़ खर्च अनुमानित है।

सूत्र बताते हैं कि बोधघाट परियोजना का काम तीन चरणों में होगा।  पहला चरण में डेम बनाया जाएगा, फिर केनाल और इसके बाद विद्युत उत्पादन का काम होगा। यहां करीब 3 सौ मेगावॉट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य है। बताया गया कि सरकार ने परियोजना के लिए राशि जुटाने को लेकर वित्तीय संस्थाओं से चर्चा शुरू कर दी है। जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में बताया कि कई प्रस्ताव भी आ रहे हैं। फिलहाल पुनर्वास नीति जल्द तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है।

यह भी कहा गया कि प्रभावित लोगों के पुनर्वास के बाद ही चरणबद्ध तरीके से काम शुरू किया जाएगा। इस पूरी परियोजना से एक लाख लोगों के प्रभावित होने की संभावना है। केन्द्र सरकार बोधघाट सिंचाई परियोजना के काम को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र पहले ही सहमति दे चुकी है। 40 वर्षों से लंबित इस परियोजना को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार लगातार प्रयासरत थी। अफसरों ने बताया कि बीते दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से बोधघाट परियोजना के संबंध में विस्तार से चर्चा की थी और इस परियोजना की महत्ता के बारे में बताया था।

यह दंतेवाड़ा जिले के विकास खंड गीदम के बारसुर गांव से लगभग आठ किलोमीटर और जगदलपुर जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर की दूरी पर है।  बोधघाट परियोजना से बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिले में सिंचाई होगी। पूर्व में इस परियोजना में दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले में खरीफ, रबी और ग्रीष्मकालीन फसलों के लिए कुल दो लाख 66 हजार 580 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित थी, लेकिन जल की उपलब्धता को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस परियोजना के माध्यम से सुकमा जिले को भी सिंचाई के लिए जल आपूर्ति का निर्देश दिया है।

 बताया गया कि राज्य के जल संसाधन विभाग ने सुकमा जिले के खरीफ, रबी तथा ग्रीष्मकालीन फसलों के लिए कुल एक लाख हेक्टेयर में सिंचाई को परियोजना में शामिल किया है। इस प्रकार तीनों जिलों में तीन लाख 66 हजार 580 हेक्टेयर में वार्षिक सिंचाई सुविधा प्रदान किया जाना प्रस्तावित है।

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