रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 जनवरी। सोमवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्थान के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की 52वीं पुण्यतिथि शान्ति सरोवर में सद्भावना समारोह में के रुप में मनाई गई। इस अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने कहा
यह सृष्टि परिवर्तन की बेला है। इस समय विश्व इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण समय संधिकाल अथवा संगमयुग चल रहा है। जबकि निराकार परमपिता परमात्मा अपने साकार माध्यम प्रजापिता ब्रह्मा के द्वारा आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग की शिक्षा देकर संस्कार परिवर्तन और नई सतोप्रधान दुनिया की पुर्नस्थापना करा रहे हैं। प्रजापिता ब्रह्मा को इस संस्थान में परमात्मा, भगवान अथवा गुरु का दर्जा नहीं दिया जाता है। अपितु वह भी एक इन्सान थे जिन्होंने नारी शक्ति को आगे कर ईश्वरीय सेवा के द्वारा महिला सशक्तिकरण का कार्य किया। उन दिनों समाज में महिलाओं की स्थिति दोयम दर्जे की थी किन्तु ब्रह्माबाबा ने महिलाओं में छिपी नैतिक और आध्यात्मिक शक्तियों को सामने लाकर विश्व में एक नई शुरुआत की।
उन्होंने कहा कि आज विश्व में भौतिक चकाचौंध बहुत है लेकिन दुख, अशान्ति, तनाव, बीमारी आदि की भी कमी नहीं है। अब यह सृष्टि इतनी पुरानी और जर्जर हो चुकी है कि इसका विनाश ही एकमात्र समाधान है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय न तो राजनीतिक नेता विश्व का उद्घार कर सकते हैं, न ही कोई वैज्ञानिक अथवा धार्मिक नेता ही यह कार्य करने में सक्षम हैं। ऐसे समय में प्रजापिता ब्रह्माबाबा ने आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग के द्वारा समाज को एक नई राह दिखाई है।