राजनांदगांव

नांदगांव में 12 में से 8 गोबर खरीद केंद्र बंद
19-Jan-2021 2:44 PM
 नांदगांव में 12 में से 8 गोबर खरीद केंद्र बंद

फाईल फोटो

जिले में आधे से अधिक पर ताले

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 19 जनवरी।
राज्य सरकार की बहुमहत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना का राजनांदगांव शहर में बुरा हाल है। शुरूआत के कुछ सालों में ही योजना बेपटरी होते दिख रही है। शहर के दर्जनभर केंद्रों में पशुपालकों से गोबर खरीदी की जा रही थी। एकाएक निगम प्रशासन ने 8 सेंटरों को अब बंद करने का विधिवत आदेश जारी कर दिया है। इस योजना को  बेहद उत्साह के साथ प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर ने प्रारंभ किया था। गोबर खरीदी के जरिये पशुपालकों को अतिरिक्त आय हो रही थी।
 
बताया जा रहा है कि अब निगम ने सिर्फ 4 गौठानों में ही गोबर खरीदी-बिक्री का निर्णय लिया है। बताया जा रहा है कि पशुपालकों को गोबर बेचने के लिए अब खुद ही परिवहन कर सेंटरों में पहुंचना होगा। ऐसे में पशुपालकों को निगम के इस निर्णय से घाटा होने का अंदेशा है। उधर कांग्रेस के स्थानीय नेताओं में निगम के इस निर्णय को लेकर पेशोपेश की स्थिति है। बताया जा रहा है कि तामझाम से शुरू हुए इस योजना के जरिये सरकार ने पशुपालकों के बीच अपनी छवि को बेहतर बनाया था। नगर निगम के अधीन सेंटरों में गोबर खरीदी बंद होने के निर्णय से सरकार की छवि पर आंच पडऩे का अंदेशा जताया जा  रहा है। पूर्व में 8 एसएलआरएम  सेंटरों में गोबर खरीदी की जा रही थी। इसके अलावा मोहारा, बजरंगपुर नवागांव, रेवाडीह और लखोली के गौठानों में भी खरीदी की जा रही। 
बताया जा रहा है कि 8 एसएलआरएम  सेंटरों को पूरी तरह से बंद करने का निर्णय लिया गया है। बताया जाता है कि आने वाले दिनों में बिक्री में गिरावट आने की आशंका भी जताई जा रही है। हालांकि पशुपालकों को सेंटरों तक गोबर ले जाने के लिए अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ेगा। इसी के चलते योजना में प्रतिकूल असर पडऩे की आशंका जताई गई है।

इस संबंध में जिला कांग्रेस  अध्यक्ष पदम कोठारी ने कहा कि सेंटर बंद न हो इस मसले को लेकर महापौर और निगम प्रशासन से चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्व की भांति व्यवस्था बनी रहेगी। भाजपा ने इस मामले में सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया में गोबर योजना में बड़े घोटाले का संदेह जताया है। उनका कहना है कि बिहार में जिस तरह चारा घोटाला हुआ था, वैसे ही छत्तीसगढ़ में भी इस योजना में बड़ा गोलमाल हुआ है। उन्होंने कहा कि बिना ठोस प्लानिंग  के योजना का शुरूआत करने से स्थिति खराब हुई है।  श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार हर मोर्चे पर फेल हुई है। अब तक प्रदेश में किसी भी एक योजना को सफलतापूर्वक मूर्तरूप देने में भी सरकार फिसड्डी साबित हुई है। उधर शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों में योजना की स्थिति काफी लचर बनी हुई है। बताया जा रहा है कि कई सेंटरों में गोबर खरीदी बंद पड़ी हुई है। ऐसे में सरकार की इस योजना के लंबे समय तक चलने पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। 

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