महासमुन्द

भागवत कथा तन-मन को करती है पवित्र
19-Jan-2021 5:32 PM
भागवत कथा तन-मन को करती है पवित्र

महासमुन्द, 19 जनवरी। उज्जैन निवासी संत वर्षा नागर ने भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि कलयुग में सच्चे मन से भागवत कथा सुनने मात्र से मनुष्य के जन्म जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं। साथ ही सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति तो मिलती है वहीं जीवन का भी उद्धार होता है। ग्राम केशवा में आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण भक्ति सत्संग एवं ज्ञान यज्ञ सप्ताह के दूसरे दिन कल सोमवार को हे गोपाल, राधे कृष्ण, गोविंद गोविंद वंदना के साथ भागवत कथा की शुरुआत हुई। कथावाचक संत देवी वर्षा नागर ने कहा कि भागवत कथा अदभुत है। कथा सुनने से न केवल मनुष्यों के पाप धुल जाते हैं बल्कि पापियों के साथ ही भूत प्रेतों को भी तारती है। भागवत कथा तन.मन को पवित्र करती है। 

संत वर्षा नागर ने धुंधकारी व गोकरण की कथा का प्रसंग सुनाते हुए कहा मनुष्य को अगर जीवन सुखमय बिताना हो तो उसे हमेशा अपने माता.पिता या किसी ब्राह्मण, संत, गुरू के शरण में रहना चाहिए। जब धुंधकारी ने अपने माता.पिता व गुरू की आज्ञा न मानी तो उसका पतन हो गया। 

उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन के लिए प्रेरित कर उन्हें संस्कारवान बनाएं। आज के दौर में टीवी, सोश्यल मीडिया और कई एप काफी हावी हैं। ऐसे में नई पीढ़ी को संस्कारित बनाने के लिए हमें खास तौर से प्रयास करने होंगे, तभी हम संस्कारों को सुरक्षित रख पाएंगे। 
 

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