राजनांदगांव

हाईकोर्ट में याचिका मंजूर होने के बाद टोलप्लाजा प्रबंधन पर बढ़ा दबाव
20-Jan-2021 1:13 PM
हाईकोर्ट में याचिका मंजूर होने के बाद टोलप्लाजा प्रबंधन पर बढ़ा दबाव

नांदगांव चेम्बर ऑफ कामर्स, बस ऑपरेटर समेत दीगर यूनियन एकजुट

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 20 जनवरी।
राजनांदगांव शहर से करीब 10 किमी दूर दुर्ग रोड में स्थित ठाकुरटोला में संचालित टोलप्लाजा को हटाए जाने संबंधी हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद नांदगांव शहर के नांदगांव चेम्बर ऑफ कामर्स, बस आपरेटर समेत दीगर यूनियन हुए एकजुट हो गए हैं। सर्वाधिक टैक्स देने वालों में यही वर्ग आता है। लिहाजा ट्रांसपोर्टरों और व्यापारियों को नियम विरूद्ध टैक्स लिए जाने के मामले में विरोध करने का अवसर मिल गया है। 

हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर टोल कंपनी समेत केंद्रीय परिवहन मंत्रालय से दो सप्ताह में जवाब मांगा है। यह हकीकत है कि कंपनी की मनमानी से नांदगांव का व्यापारी वर्ग बेहद परेशान रहा है। महज 30 किमी की दूरी में स्थित दुर्ग बायपास के टोलप्लाजा में भी वाहन चालकों को टैक्स चुकाना पड़ता था। यानी उक्त दूरी में दो बार टैक्स लेकर टोल प्रबंधन व्यापारियों समेत दूसरे वर्ग को खुलेआम चपत लगा रही थी। मामले को लेकर रईस अहमद शकील ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की जिसमें उन्होंने टोल प्रबंधन की अवैध वसूली को लेकर शिकायत की। 

प्रथम दृष्टया हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के द्वारा पेश किए गए तथ्यों को सही मानते हुए सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट में मामले के स्वीकृत होते ही सभ्ी वर्ग अब एकजुट होकर टोलप्लाजा को हटाने के लिए जुट गए हैं। नियमानुसार उक्त टोलप्लाजा नागपुर रोड स्थित टप्पा से संचालित होना था। इस मुद्दे को लेकर लगातार शहरी जनता आवाज उठाती रही है। राजनीतिक रूप से इस मामले को जनता के हित में नजर अंदाज किया गया। बताया जा रहा है कि भाजपा सरकार में यह मुद्दा काफी गरमाया रहा। भाजपा के आला नेताओं पर टोल प्रबंधन के साथ अघोषित रूप से सांठगांठ के आरोप लगे। भाजपा ने इसकी परवाह किए गए बगैर प्रबंधन को टैक्स लेने में कथित रूप से छूट दे दी। आखिरकार अब मामला हाईकोर्ट में चला गया है। बताया जा रहा है कि टोल प्रबंधन के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन भी शुरू हो सकता है। 

गौरतलब है कि आक्रोशित लोगों ने सालभर पहले टोलप्लाजा में तोडफोड कर दी थी। इसके बाद से राजनंादगांव पासिंग गाडियों का टैक्स फ्री किया गया था। हालांकि आए दिन टोल प्रबंधन की ओर से आवाजाही के दौरान वाहन चालकों को परेशान किया जाता है। बताया जा रहा है कि वहीं शहरवासी शुरू से ही टोलप्लाजा का विरोध कर रहे हैं। टोल के लिए टप्पा में जमीन अलॉट है। इसके बाद भी कंपनी ने वहां टोल नहीं लगाया।

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