महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 20 जनवरी। जिले में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने और संक्रमण के नए मामले कम आने लगे हैं। इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा कि जल्द ही जिले से कोरोना की विदाई होने वाली है। कोरोना से निपटने जिले में एक कोविड अस्पताल (जिला अस्पताल) समेत दो कोविड सेंटरों में 497 बेड हैं। इन केंद्रों में वर्तमान समय में सिर्फ 46 मरीजों का इलाज चल रहा है और 451 बेड खाली पड़े हुए हैं।
इस तरह कोविड अस्पताल और दोनों सेंटरों के 451 बेड खाली है। यह कुल बेड का 90.75 फीसदी है। सिर्फ 9.2 प्रतिशत सीटों पर मरीजों का इलाज हो रहा है।
महासमुन्द जिले में मई 2020 में कोरोना का पहले मामला आने के बाद जनवरी 2011 में पहली बार संक्रमण दर का आंकड़ा 0.22 फीसदी पर पहुंचा है। जिला अस्पताल में बने 51 बेड वाले जिले के एक मात्र कोविड अस्पताल में इस समय सिर्फ 13 मरीजों का इलाज हो रहा है। यह कुल सीटों का सिर्फ 2.6 फीसदी है। वहीं शासकीय जीएनएम प्रशिक्षण केंद्र कोविड सेंटर में कुल 240 बेड हैं। इसमें से सिर्फ 33 पर मरीजों का इलाज चल रहा है।
जिले में वर्तमान समय में 202 एक्टिव केस हैं। इसमें से शासकीय जीएनएम प्रशिक्षण केंद्र कोविड सेंटर में 33 मरीज भर्ती है। वहीं कोविड अस्पताल में 13 मरीजों का इलाज चल रहा है। इस तरह कुल एक्टिव में से 51 मरीज अपना इलाज कोविड अस्पताल और सेंटर में करवा रहे हैं और 151 कोरोना संक्रमित घर में इलाज करवा रहे हैं। इस तरह 75 फीसदी अपने इलाज के लिए घर को चुना है। सिर्फ 25 प्रतिशत कोरोना संक्रमितों का ही इलाज कोरोना अस्पताल या कोविड सेंटर में चल रहा है।
जिला अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार जनवरी 2021 के शुरुआती 18 दिनों में 14 हजार 142 लोगों की जांच की गई है। इसमें से 592 कोरोना संक्रमित मिले। यह कुल टेस्ट का सिर्फ 4 फीसदी है। वहीं शुरुआती 18 दिन में 743 कोरोना संक्रमित ठीक होने के बाद घर लौट गए। यह कुल टेस्ट का का लगभग 5.2 फीसदी है। इस तरह संक्रमित होने वाले की अपेक्षा ठीक होने वालों का 2 फीसदी ज्यादा रेट हैं। कोरोना संक्रमितों की संख्या कम होने पर सीएमएचओ एनके मंडपे ने कहा कि वैक्सीनेशन तो अभी शुरू हुई है। इसका असर आने वाले दिनों में दिखने को मिलेगा। अभी वातावरण अब गर्म होने लगा है। गर्मी की शुरुआत हो रही है। इसलिए वायरस को जिंदा रहने के लिए जो वातावरण चाहिए वो अब नहीं मिलेगा। वैक्सीनेशन और गर्मी बढऩे के साथ एक्टिव केसों की संख्या में और भी कमी आएगी।