रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 जनवरी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गौठानों में महिला समूहों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों, वन क्षेत्रों के समूहों द्वारा लघु वनोपज के प्रसंस्करण से तैयार किए जा रहे उत्पादों जैसे शहद, वनौषधि, बस्तर शिल्प की कलाकृतियां, हैण्डलूम वस्त्र, कोसा वस्त्र जैसे विशिष्ट उत्पाद शहरी क्षेत्रों में एक ही छत के नीचे बिक्री के लिए उपलब्ध कराने के लिए ‘‘सीजी मार्ट‘‘ प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सीजी मार्ट में महिलाओं के उत्पादों की बिक्री हो और इसका लाभ उन्हें मिले। उन्होंने कहा कि सीजी मार्ट पहले राजधानी रायपुर, फिर संभाग और जिला स्तर पर प्रारंभ किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सीजी मार्ट में तेलघानी से सरसों, अलसी, राई आदि के तेल भी बिक्री के लिए रखे जाए। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा हाल में ही तेलघानी बोर्ड के गठन का फैसला लिया गया है।
मुख्यमंत्री अपने निवास कार्यालय में आयोजित समारोह में गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को ग्यारहवीं एवं बारहवीं किश्त की राशि अंतरण के बाद संबोधित कर रहे थे। उन्होंने गोबर विक्रेताओं को ग्यारहवीं किश्त के रूप में 16 से 31 दिसम्बर तक गोबर बिक्री की राशि 4.51 करोड़ रूपए और बारहवीं किश्त के रूप में 01 जनवरी से 15 जनवरी तक की राशि 3.02 करोड़ रूपए इस प्रकार कुल 7.53 करोड़ रूपए की राशि गोबर विक्रेताओं के खाते में ऑनलाइन अंतरित की। इसे मिलाकर अब तक गोधन न्याय योजना के अंतर्गत किसानों और पशुपालकों को 71 करोड़ 72 लाख रूपए की राशि दी जा चुकी है।