राजनांदगांव

गणतंत्र दिवस और रविवार अवकाश के चलते धान बेचने 7 दिन का वक्त
22-Jan-2021 1:49 PM
गणतंत्र दिवस और रविवार अवकाश के चलते धान बेचने 7 दिन का वक्त

31 जनवरी होगी आखिरी तारीख, गत् वर्ष की तुलना में 64 करोड़ की अधिक धान खरीदी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 जनवरी।
समर्थन मूल्य पर धान  बेचने के लिए किसानों के पास सिर्फ 9 दिन का वक्त शेष रह गया है। जिसमें दो दिन सरकारी अवकाश होने के चलते किसानों को सप्ताहभर के भीतर धान बेचना होगा। आगामी 24 जनवरी को रविवार और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की छुट्टी होने के कारण किसानों के लिए 7 दिन का समय रहेगा। 

बताया जाता है कि धान खरीदी की निर्धारित मियाद 31 जनवरी को समाप्त हो रही है। जिले में कई किसान अपनी  उपज बेचने से पीछे रह गए हैं। बताया जाता है कि पंजीकृत किसानों को फसल बेचने के लिए पूर्व में टोकन भी जारी किया गया है। सोसायटियों में रेलमपेल की स्थिति होने के कारण कई किसानों ने टोकन लेकर भी अपनी उपज नहीं बेची है। उधर 31 जनवरी को धान बेचने की आखिरी तिथि है। माना जा रहा था कि एक माह देरी से हुई समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए निर्धारित तारीख को आगे बढ़ाया जा सकता है। फिलहाल मियाद बढऩे की संभावना कम ही है। हालांकि 24 जनवरी को केबिनेट की विशेष बैठक में धान खरीदी तारीख को बढ़ाने पर भी मंथन होने की संभावना है। 

जिले में  धान खरीदी के लिए किसानों को महज 2 माह का ही वक्त दिया गया। जिसमें सरकारी छुट्टियों में खरीदी नहीं हुई। इस बीच राजनंादगांव जिले में धान खरीदी की तुलनात्मक स्थिति बीते वर्ष से बेहतर रही है। गत् वर्ष की तुलना में वर्तमान में करीब 65 करोड़ रुपए की  अधिक खरीदी हुई है। बताया जाता है कि वर्ष 2019-20 में खरीदी गई धान की कुल राशि 12 अरब 33 करोड़ एक लाख रुपए था। वर्ष 2020-21 में अब तक 12 अरब 97 करोड़ 27 लाख की खरीदी हो चुकी है।  वर्ष 2019-20 में जहां एक लाख 76 हजार 440 किसानों ने अपनी उपज बेची थी। वहीं इस वर्ष 2020-21 में  96 हजार 80 किसानों ने फसल बेचने के लिए पंजीयन कराया। वर्ष 2019-20 में एक लाख 65 हजार 275 किसानों ने धान का विक्रय किया। वर्ष 2021 में धान विक्रय करने वाले किसानों की संख्या बढक़र एक लाख 73 हजार 537 हो गई है। वर्ष 2019-20 में कुल धान उपार्जन 675400.91 मीट्रिक टन किया गया। जबकि 21 जनवरी 2021 तक 690877.88 मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया गया। वर्ष 2019-20 में पंजीकृत मिल की संख्या 70 और मिलिंग क्षमता 77200 थी। वहीं 2020-21 में मिलिंग क्षमता 97 हजार 200 होने व पंजीकृत मिलिंग की संख्या 79 है। किसानों को दिए गए भुगतान के एवज में लिकिंग राशि के रूप में  47450.34 की वसूली भी की गई है। 

 

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