महासमुन्द

सूचना के बाद भी नहीं पहुंचे स्वास्थ्यकर्मी
22-Jan-2021 4:09 PM
सूचना के बाद भी नहीं पहुंचे स्वास्थ्यकर्मी

4 दिनों में कोरोना वैक्सीन की 28 डोज खराब

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 22 जनवरी।
महासमुन्द जिले में वैक्सीनेशन के पहले चरण में चार दिन 16 जनवरी, 18 जनवरी, 20 जनवरी और 21 जनवरी को हुए वैक्सीनेशन में सूचना के बाद भी लाभार्थी स्वास्थ्यकर्मियों (फ्रंटलाइन वॉरियर्स) के नहीं पहुंचने के कारण 28 खुराक खराब हो चुकी है। ये खुराक 28 जिंदगियां बचा सकती थीं। इससे पहले चरण के चार दिन में वैक्सीनेशन में औसतन हर दिन वैक्सीन के 7 डोज बर्बाद हुए। 

जिले में चयनित 33 में से अभी जिले के तीन वैक्सीनेशन सेंटर जिला अस्पताल, सरायपाली स्वास्थ्य केंद्र और पिथौरा स्वास्थ्य केंद्र में ही टीकाकरण करने की अनुमति मिली है। इन सभी वैक्सीनेशन सेंटर में चार दिन में 1200 लोगों को टीका लगना था, लेकिन सिर्फ  622 को लगा। ये स्वास्थ्य विभाग के तय टारगेट का सिर्फ  52 फीसदी है।

 गुरूवार को तो सबसे कम 115 ने ही वैक्सीनेशन कराया। इसमें से सरायपाली में सबसे कम 20 ने ही वैक्सीन लगवाया। इसके अलावा महासमुन्द में 50 और पिथौरा में 45 लोगों ने टीका लगवााया। पंजीयन कराने के बावजूद फ्रंट लाइन वर्कर्स, स्वास्थ्य कर्मी व नर्सिंग स्टॉफ  के सेंटर में टीके लगवाने के लिए नहीं आने से चार दिन के भीतर ही 28 डोज खराब हो गए हैं। जिससे 28 की जान बचाई जा सकती थी। गुरूवार को वैक्सीनेशन का चौथा दिन था। पहले चरण के चौथे दिन सिर्फ  115 ने टीकाकरण किया गया।

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मंडपे के मुताबिक हर सेंटर में प्रतिदिन 100-100 लोगों को वैक्सीन लगाई जानी थी। वैक्सीन की एक वॉयल में 10 खुराक बनती है। इसलिए सेंटर में 90-95 लोगों के पहुंचने पर 9 वॉयल तो ठीक तरीके से इस्तेमाल हो जातेे हैं, पर आखिरी वॉयल में 10 से कम के आने पर बाकी खुराक हर दिन खराब हो जा रही है। एक व्यक्ति को 0.5 एमएल वैक्सीन लगनी है, यदि एक वॉयल खुलता है तो उसे 4 घंटे के भीतर लगाना जरूरी है। पूरे 8 हजार 979 लोगों को टीके लगाने में 18 लाख 85 हजार 590 रुपए खर्च आया। 

ज्ञात हो कि जिले की 13 लाख जनसंख्या में वैक्सीन लगाने में 27 करोड़ 30 लाख रुपए खर्च होंगे। मार्केट में यही टीका बाद में 1 हजार रुपए में मिलेगा। डॉ. मंडपे का कहना है कि हर वैक्सीन में वेस्टेज फैक्टर रहता है। कोरोना वैक्सीन में भी 1.1 फीसदी वेस्टेज फैक्टर है। हालांकि लोगों को बार-बार फोन करके और मैसेज करके बोला जा रहा है कि वे टीका लगाएं। पर वे नहीं आ रहे हंै। 

जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. अरविंद गुप्ता ने कहा कि पहले चरण में पंजीकृत 8 हजार 979 स्वास्थ्य कर्मचारियों को वैक्सीन लगना है। अभी एक सप्ताह के कार्यक्रम के लिए ही अनुमति मिली थी, जो गुरूवार को समाप्त हो गयी है। 
 

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