राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 जनवरी। छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग अध्यक्ष महामंडलेश्वर राजेश्री डॉ. महंत रामसुंदर दास की अध्यक्षता में जिला पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक कलेक्टारेट सभाकक्ष में आयोजित की गई।
बैठक में डॉ. महंत रामसुन्दर दास ने कहा कि पशु क्रूरता को समाप्त करने के लिए लोगोंं में जनजागरूकता लाने की जरूरत है। जगजागरूकता से पशुओं पर होने वाले अन्याय एवं अत्याचार को रोका जा सकता है। इसके लिए लोगों को संस्कारित करें और पशु-पक्षियों के प्रति जागरूक करें। जिले में गौशाला संचालित करने का उद्देश्य गौ की रक्षा करना होना चाहिए। हमारी परंपरा एवं संस्कृति में गाय को माता मानकर पूजा की जाती है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गाय को संरक्षण प्रदान करने गांव के साथ नगरों में भी गौठानों का निर्माण किया है। गौठानों के निर्माण होने से पशुओं की दुर्घटनाओं में कमी आयी है। जिले में पशुओं के प्रति कू्ररता के निवारण के लिए सोसायटी (एसपीसीए) का गठन किया गया है। इसके अनुसार पशुओं के प्रति कू्ररता पूर्ण व्यवहार एवं नियम के विरूद्ध पशुओं का परिवहन करने की शिकायत प्राप्त होने पर कार्रवाई किया जा सकता है। महामंडलेश्वर दास ने कहा कि राजनांदगांव छत्तीसगढ़ का सीमावर्ती जिला है, जहां गौवंशियों के परिवहन की संभावना अधिक होती है। इस पर पुलिस प्रशासन द्वारा कड़ी निगरानी रखते कार्रवाई करें।
सीएसपी मणीशंकर चंद्रा ने बताया कि पशुओं का अवैध परिवहन करने वालों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। वहीं सभी मामले न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। महामंडलेश्वर ने कहा कि अवैध परिवहन करने वाले वाहनों का राजसात की कार्रवाई किया जाना चाहिए। मांस, मछली, कुक्कुट व्यवसायियों द्वारा अधिकांशत: अव्यवहारिक प्रवृत्ति जैसे पक्षी एवं पशुओं को उलटा लटकाकर परिवहन किया जाता है, जो कि पशु क्रूरता अधिनियम के अंतर्गत आता है। इसे रोकने पुलिस विभाग द्वारा उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि शासन गौभ्यारण बनाने के विषय में विचार कर रही है। इसके लिए जिले में जगह का चयन किया जाए। वहीं रूग्णालय निर्माण के लिए स्थान का चयन कर प्रस्ताव भेजने कहा है। उप संचालक पशु चिकित्सा डॉ. राजीव देवरस ने पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण के लिए सोसायटी का गठन नियम के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
बैठक में पशुओं के प्रति क्रूरता करने वाले व्यक्तियों पर कड़ी निगरानी करते उन्हें उचित मार्गदर्शन एवं पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के तहत कार्रवाई के लिए सचेत किया जाना, पशु परिवहन के लिए क्षमता के अनुरूप एवं शासन के नियमानुसार पशुओं का परिवहन किए जाने, सडक़ों पर खुले में विचरण करने वाले पशुओं को पशु पालकों की सहायता से खुले में न छोडऩे संबंधी प्रचार-प्रसार एवं अन्य विषयों पर चर्चा की गई।
इस अवसर पर पशु क्रूरता निवारण समिति के उपाध्यक्ष गिरवर जंघेल, सचिव गिरधारी वर्मा, सदस्य रूपेश दुबे, वन मंडलाधिकारी बीपी सिंह, अपर कलेक्टर सीएल मारकण्डेय, सीएसपी मणीशंकर चंद्रा, उप संचालक पशु चिकित्सा डॉ. राजीव देवरस सहित अन्य अधिकारी एवं पशु चिकित्सक उपस्थित थे।