महासमुन्द

स्वप्रकटीकरण के 17 बिन्दुओं में दी गई जानकारी जिले के वेबसाइट में अपलोड नहीं-विनोद
23-Jan-2021 3:34 PM
स्वप्रकटीकरण के 17 बिन्दुओं में दी गई जानकारी जिले के वेबसाइट में अपलोड नहीं-विनोद

राज्य शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय से कलेक्टर को पत्र जारी 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 23 जनवरी।
सूचना के अधिकार के तहत स्व प्रकटीकरण के 17 बिन्दुओं में क्या लिखा है, इसकी जानकारी जिले के अधिकारियों को नहीं है। इन 17 बिन्दुओं की जानकारी सरेआम करने आरटीआई के तहत बसना निवासी विनोद दास ने ग्राम पंचायत लोहड़ीपुर में आवेदन लगाया। तब खुलासा हुआ कि छत्तीसगढ़ सरकार के वेबसाइट में सूचना के अधिकार के तहत स्वप्रकटीकरण के 17 बिन्दुओं में दी गई जानकारी जिले में अपलोड ही नहीं किया गया है। विनोद दास को लिखित में जिले के अफसरों ने कहा कि उक्त वेबसाइट में 17 बिन्दुओं को सार्वजनिक करने संबंधी कोई भी प्रशिक्षण या उच्च अधिकारियों से आदेश आज तक महासमुन्द जिले के अधिकारियों को प्राप्त नहीं हुआ है। 

विनोद दास का कहना है कि महासमुन्द के जनसूचना अधिकारी ने उनके सूचना आवेदन में सही जानकारी नहीं दी तो उन्होंने प्रथम अपील आवेदन मुख्य कार्यपालन अधिकारी कार्यालय जनपद पंचायत बसना में प्रस्तुत किया। इसके बाद जनसूचना अधिकारी बसना ने लिखित में यह जानकारी दी है। इसके बाद सूचना का अधिकार के तहत इसकी शिकायत आरटीआई कार्यकर्ता विनोद दास ने लिखित में राज्य शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय महानदी भवन में की। 

विभाग की ओर से कलेक्टर जिला महासमुन्द को इस संबंध में पत्र जारी हो चुका है। पत्र क्रमांक एफ-7-03/2021/1-13 नवा रायपुर दिनांक 13 जनवरी 2021 को कलेक्टर महासमुन्द को लेख किया गया है कि सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 04(1)(ख) में उल्लेखित प्रावधानों का कड़ाई से पालन करते हुए प्रावधानों में उल्लेखित 17 बिन्दुओं का स्व प्रकटीकरण किये जाने हेतु महासमुन्द जिले के समस्त विभागों को निर्देश जारी करने का कष्ट करें। पूरे 17 बिन्दुओं को स्व प्रकटीकरण करने से आम नागरिकों द्वारा सूचना मांगने में आवेदन सीमित लगेगा। इससे धन एवं समय दोनों बचेगा। कागज का उपयोग सीमित होने से पर्यावरण सुरक्षित रहता है। 

ज्ञात हो कि इन 17 बिन्दुओं में लोक प्राधिकारी को उसके विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों की शक्तियों एवं कर्तव्य, उनके क्या कार्य हैं, उनके पास कौन से दस्तावेज हैं, कितना आंबटन शासन से प्राप्त हुआ एवं कितना व्यय हुआ, उनके पास कौन सी सूचना दस्तावेज रूप में है और कौन सी सूचना इलेक्टानिक रूप में, नागरिकों को क्या सुविधाएं दे सकते हंै, विभाग द्वारा हुई बैठक, बैठक में जनता शामिल हो सकता है अथवा नहीं यह बताना है। प्रत्येक लोक प्राधिकारी को 12 अक्टूबर 2005 तक यह समस्त जानकारी बवेबसाइट में अपलोड करना था, लेकिन आज 15 वर्षों के बाद भी इसका पालन नहीं हुआ है।
 

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