बलौदा बाजार

बदलना पड़ा नियम: सूचना देने पर भी नहीं पहुंचे कोरोना वैक्सीन लगाने, चार सेशन में फेंकनी पड़ी 15 डोज
24-Jan-2021 5:11 PM
 बदलना पड़ा नियम: सूचना देने पर भी नहीं पहुंचे कोरोना वैक्सीन लगाने, चार सेशन में फेंकनी पड़ी 15 डोज

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 24 जनवरी।
मोबाइल पर सूचना देने के बाद भी समय पर वैक्सीन लगाने सेंटर नहीं पहुंचने से 4 सेशन में 15 डोज फेंकनी पड़ी थी, मगर अब अब केंद्र ने इस नियम में छूट दी है, इसमें बिना बारी के रजिस्टर्ड कर्मचारियों को भी टीके लग सकेंगे, सिर्फ कोविन पोर्टल में उनका नाम होना चाहिए।

कोरोना को हराने के लिए पहली बार देशभर में डिजिटल प्लेटफार्म से सूचना देने के बाद हेल्थ वर्करों को टीके लगाए जा रहे हैं, लेकिन इसके लिए केंद्र सरकार के स्तर पर तैयार कोविन पोर्टल की वजह से पेचदगियां खड़ी हो गई थी। सामने खड़े हेल्थ वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन लगाने की बजाय इसकी डोज फेंकनी पड़ी, क्योंकि किसी को भी यह टीका तब तक नहीं लगाया जा सकता था, जब तक कि उसके पास मोबाइल पर टीके के समय, तारीख और स्थान का मैसेज न आया हो। भले ही जिस हेल्थ वर्कर को 2 दिन बाद वैक्सीन लगनी है, वह सामने खड़ा हो मगर उसे लगा नहीं सकते थे। ऐसे में डोज फेंकनी पड़ रही थी।

जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. शिवकुमार ने बताया जिले के 03 टीकाकरण केंद्रों में कोविड वैक्सीनेशन के 4 सेशन के दौरान 15 डोज फेंकनी पड़ी। इसमें 16 जनवरी को किए गए टीकाकरण में 1 डोज, 18 जनवरी टीकाकरण में 4 डोज, 20 जनवरी टीकाकरण में 4 डोज तथा 21 जनवरी को किए गए टीकाकरण में सबसे अधिक 6 डोज फेंकनी पड़ी।

जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. शिवकुमार के अनुसार सोमवार से जिले में 3 की जगह 7 सेंटरों में टीका लगाया जाएगा। पलारी विकासखंड के कोसमंदी स्वास्थ्य केंद्र व भाटापारा विकासखंड के बिटकुली स्वास्थ्य केन्द्र की जगह अब प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जर्वेे (पलारी), प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र निपनिया (भाटापारा) में टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लाहोद, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कसडोल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिलाईगढ़, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हथबंद (सिमगा) में नए टीकाकरण सेंटर बनाए गए हैं। जिला अस्पताल में भी टीकाकरण जारी रहेगा। प्रत्येक केन्द्र में 100 स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगाने का लक्ष्य है। 

10 लोगों के पहुंचने के बाद ही वैक्सीन लगाने की शुरुआत
अब सभी केंद्रों में 10 लोगों के पहुंचने के बाद वैक्सीन लगाने की शुरुआत की जाएगी। वैक्सीन वेस्ट यानी खराब न हो इसलिए ऐसा किया जा रहा है। दरअसल एक वैक्सीन (शीशी) की वायल को एक बार खोल लिया जाता है तो उसका उपयोग अधिकतम 4 घंटे ही कर सकते हैं। इसके बाद यह खराब हो जाती है। कोविशील्ड की एक वायल में 10 डोज होती है। एक डोज पूरा करने के लिए हर व्यक्ति को 0.5 एमएल वैक्सीन लगाई जाती है।

345 ने नहीं लगवाया टीका
16 से 21 जनवरी तक वैक्सीनेशन के 4 सीजन में 1200 लोगों को टीका लगना था, लेकिन 855 लोगों को ही टीका लगा है। 345 लोगों को टीका नहीं लग पाया। इसकी वजह यह बतायी जा रही है कि जो छूट गए उनमें किसी को बुखार, एलर्जी या फिर स्तनपान कराने वाली माताएं थीं।

वहीं टीकाकरण में छूटे लोगों में से ज्यादातर स्वास्थ्यकर्मी वे हैं जो टीका लगवाने से झिझक रहे हैं। इनका कहना है कि वे लोगों का रिजल्ट देखने के बाद टीका लगवाएंगे।
अफसर दे रहे समझाईश
वैक्सीन लगाने सेंटर नहीं आने वाले कर्मियों को संपर्क नंबर में कॉल कर कारण पूछा जा रहा है कि आखिर क्यों नहीं पहुंचे। कुछ लोग स्वेच्छा से कह रहे हैं कि हमें नहीं लगवाना है। वैक्सीनेशन में लगे अधिकारी उनको समझा रहे हैं कि वैक्सीन सुरक्षित है, घबराए नहीं। 


वैक्सीन को सुरक्षित रखने कोल्ड पाइंट में रखे रहे
जिला मुख्यालय से प्रत्येक केंद्र में 100-100 डोज की सप्लाई की जाती है। निर्धारित दिन में उपयोग न होने पर अगर वायल नहीं खुला है तो कोल्ड चेन पाइंट के आईएलआर में रखा जाता है और अगले दिन उपयोग किया जाता है। वायल खुलने के बाद बचे डोज को फेंक दिया जाता है।
 

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