कोण्डागांव
कोण्डागांव, 25 जनवरी। डॉ. अंबेडकर सेवा संस्था के द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाई गई। डॉ. अंबेडकर सेवा संस्था व एसटी, एससी, ओबीसी, अल्पसंख्यक के द्वारा बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष नेताजी सुभाष चंद्र बोस की छायाचित्र पर माल्यार्पण दीप प्रज्वलित किया गया और उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर अंबेडकर सेवा संस्था संरक्षक आरके मेश्राम ने सुभाष चंद्र बोस की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में कई महापुरूषों ने अपना योगदान दिया था, जिनमें सुभाष चंद्र बोस का नाम भी अग्रणी है। सुभाष चन्द्र बोस ने भारत के लिए पूर्ण स्वराज का सपना देखा था। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई को तेज करने के लिए आजाद हिन्द फौज का गठन किया था।
अध्यक्ष संतोष सावरकर ने कहा, सुभाष चन्द्र बोस बचपन से ही पढ़ाई में बहुत होनहार थे। देशभक्ति का जज्बा उनके अंदर कूट-कूट कर भरा था। भारतीयों पर अंग्रेजों द्वारा किए जा रहे अन्याय और अत्याचार के वह सख्त खिलाफ थे। कई यातनाएं सहकर भी उन्होंने भारतीयों पर अंगे्रजों के जुल्मों का विरोध किया। भारत वासियों को राष्ट्र प्रेम के लिए प्रेरित करने वाले नारे तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा और जय हिन्द सुभाषचन्द्र बोस ने ही दिए।
इस कार्यक्रम में डॉ. अंबेडकर सेवा संस्था के सदस्य गण और संरक्षक आरके मेश्राम, तिलक पांडे, रामसिंह नाग, अध्यक्ष संतोष सावरकर, उपाध्यक्ष मुकेश मारकंडे, सह सचिव रमेश पोयाम, पुष्कर सिंह मंडावी, मुख्य सलाहकार बुध सिंह नेताम, रंजीत गोटा, नरेंद्र नेताम, पीपी गोडऩे, मन्ना राम नेताम, भुवन लाल मार्कंडेय, पुनीरोत दत्ता, सुख सरकार, तपन भट्टाचार्य, हीरा दीवान उपस्थित रहे।