राजनांदगांव
दहशतगर्दी की तर्ज पर ग्रामीणों को उतारा जा रहा मौत के घाट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 27 जनवरी। जिले के धूर नक्सल प्रभावित मानपुर इलाके में नक्सलियों ने बीते एक माह में मुखबिरी के शक पर ताबड़तोड़ 4 ग्रामीणों को मौत के घाट उतारकर दहशत फैला रखी है। दहशतगर्दी की तर्ज पर नक्सली अंदरूनी इलाकों में पुलिस खबरी का आरोप लगाकर उम्रदराज और युवा नौजवान ग्रामीणों की बेरहमी से हत्या कर रहे हैं। पुलिस-नक्सल लड़ाई में मानपुर इलाके में पहले भी निर्दोष ग्रामीणों को अपनी जान गंवानी पड़ी। बीते 28 दिसंबर से नक्सलियों ने हर थोड़े दिन के अंतराल में ग्रामीणों की सिलसिलेवार हत्या की है।
बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने पुलिस से संपर्क रखने का दोष मढक़र ग्रामीणों को मारने में ढिलाई नहीं बरती है। पुलिस के लिए भी ग्रामीणों की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बन गई है। पुरदौनी में सरपंच पति मैनूराम सलामे की हत्या से पहले नक्सलियों ने टांगापानी इलाके में महेश कचलामे ग्रामीण की गोली मारकर हत्या कर दी। मैनूराम सलामे को भी गोली मारने से पहले नक्सलियों ने बेदम तरीके से पीटा। पिटाई से बदहवास हुए मैनूराम सलामे को आखिरी में नक्सलियों ने गोली मार दी। इधर गणतंत्र दिवस की खुशियां मना रहे ग्रामीणों को झटका देते हुए नक्सलियों ने हत्या का सिलसिला जारी रखा।
मानपुर पुलिस डिवीजन के मोरारपानी में घामसाय गावड़े और खामखेड़ा के इंद्रशाही मंडावी की नक्सलियों ने जघन्य हत्या कर दी। खामखेड़ा के मंडावी 70 बरस के थे। वहीं मोरारपानी के घामसाय गावड़े महज 20 साल का युवा था। नक्सलियों ने दोनों की हत्या के पीछे पुलिस का मुखबिर होना बताया है। पिछले कुछ सालों में नक्सलियों को फोर्स के हाथों लगातार शिकस्त झेलनी पड़ी है। फोर्स का मानपुर इलाके में दबदबा भी बढ़ा है। मई माह में पुरदौनी के जंगल में पुलिस ने 4 हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराया। हालांकि इस लड़ाई पुलिस ने अपने एक होनहार सब इंस्पेक्टर श्यामकिशोर शर्मा की शहादत भी झेली।
सूत्रों का कहना है कि नक्सली और पुलिस के बीच जारी जंग निर्णायक मोड़ पर है। मानपुर इलाके में हत्या के पीछे एक और वजह का होना भी सामने आया है। बताया जाता है कि बीते साल हुए पंचायत चुनाव में नक्सलियों ने कुछ लोगों को सरपंच चुनाव नहीं लडऩे की हिदायत दी थी। पुरदौनी के मैनूराम सलामे और खामखेड़ा के इंद्रशाही मंडावी की हत्या के पीछे नक्सलियों के फरमान को नहीं सुनना एक प्रमुख वजह बनी।
सूत्रों का कहना है कि नक्सली मौके की तलाश में लंबे समय से थे। मंडावी और सलामे की हत्या के पीछे सरपंच चुनाव लडऩा एक ठोस कारण बताया गया है। इस बीच पुलिस खबरी के आरोप में नक्सली खुलकर हत्या कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि राजनांदगांव-कांकेर बार्डर डिवीजन के जरिये नक्सली अपनी गतिविधि को फिर से मजबूती देने के फिराक में है। लंबे समय से इस डिवीजन में बिखराव की स्थिति रही है। नक्सलियों का यह डिवीजन पिछले कुछ सालों से लडखड़़ाता रहा है।
बताया जा रहा है कि मानपुर इलाके में अपनी खोई हुई ताकत को हासिल करने के लिए नक्सली हत्याओं के जरिये डर का माहौल बना रहे हैं। पुलिस भी नक्सलियों के करतूतों से बखूबी वाकिफ हैं। हालांकि पुलिस ग्रामीणों को सुरक्षा देने में नाकाम रही है। नक्सलियों से निपटने के लिए पुलिस भरसक कोशिश जरूर कर रही है, लेकिन भीतरी इलाकों में रहने वाले बाशिंदों की पुलिस की गैरमौजूदगी में नक्सली बेहिचक हत्या कर रहे हैं।