कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 28 जनवरी। कोरिया जिला मुख्यालय बैकुुंठपुर के प्रेमाबाग स्थित जमीन घोटाले मेंं पुलिस की छानबीन तेज हो गई है। मामले में कई सरकारी अधिकारी कर्मचारियों की संलिप्तता की बात सामने आने से हडकंप मचा हुआ है, दूसरी और कलेक्टर कार्यालय से जिस पद पर तत्कालिन अपर कलेक्टर एडमंड लकडा पदस्थ थे वहां से जो जानकारी पुलिस ने मांगी है।
बहुचर्चित प्रेमाबाग जमीन घोटाले में पुलिस की जांच तेज होती जा रही है, जिसके बाद कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है, इसमें सिर्फ कोरिया ही नहीं सूरजपुर जिले के भी कुछ अधिकारियों पर भी कडी कार्यवाही होने की जानकारी पुलिस के सूत्र बता रहे है। मामले में पुलिस अलग अलग कडियों को जोडकर अपराधियों तक पहुंचने की कोशिश में है।
प्रार्थी विष्णु सिंह की मानें तो पुलिस की दुबारा जांच से वो अब संतुष्ट नजर आ रहे है। उधर, पुलिस को आज दिनांक तक मांगे गए दस्तावेज नहीं मिल सके। जिसके कारण जांच में कई परेशानियां सामने आ रही है।
प्रेमाबाग जमीन घोटाले में प्राथी विष्णु सिंह का कहना है कि उसे 2 फरवरी 1950 को जिस व्यक्ति से भूमि क्रय की, उसकी पूरी भूमि का विक्रय नामा और कुछ भूमि की रजिस्ट्री कराई, परन्तु नामांतरण नहीं कराया जा सका, वहीं जो जानकारी उन्होंने अपने मामले में की निकलवाई है, उसके कुछ जनप्रतिनिधियों ने अपने लेटर पैड में 1950 में अपने घर जा चुके व्यक्ति की पहचान बताई है, जबकि उस समय वो पैदा भी नहीं हुए थे, ऐसे कुछ और लोगो ने बताया है कि वो उक्त व्यक्ति का जानते थे। ऐसे कई चौकाने वाले फर्जी जानकारी सामने आ रही हैं। इस तरह से फर्जी जान पहचान बताकर उनकी भूमि हड़प ली गई है।
अभिलेख डायरी की जांच बाकी
भूमि क्रय विक्र्रय के मामले में नियम विरूद्ध तरीके से आदिवासी की जमीन को गैर आदिवासी को विक्रय की अनुमति दिये जाने के मामले में रिटायर्ड अपर कलेक्टर एंडमंड लकड़ा जेल में निरूद्ध है, इस मामले में पुलिस अभी तक कलेक्टर की भू अभिलेख शाखा से अभिलेखों को लाने ले जाने के की जानकारी दर्ज करने वाली डायरी तक नहीं पहुंच पाई है, जिससे ये तय किया जा सकेगा कि आखिर उक्त दस्तावेज कलेक्टर शाखा से तहसील या एसडीएम कार्यालय गए तो किसके हस्ताक्षर से और वापस आए तो किसके हस्ताक्षर से। इसके अलावा अभिलेखों के आने जाने की दिनांक का भी पता चल सकेगा।