सरगुजा
छत्तीसगढ़ संवाददाता
लखनपुर, 28 अगस्त। सरगुजा लोक त्योहारों के फेहरिस्त में छेरछेरा पर्व का विशेष स्थान रहा है। इस पारम्परिक त्योहार से सामाजिक सौहार्द तथा दान की महत्ता को समझा जा सकता है। पौष मास के शुक्ल पूर्णिमा तिथि को छेरछेरा त्योहार मनाया जाता है ।
वृद्ध बच्चे महिला पुरुष याचक बनकर एक दूसरे के घरों में जाकर छेरछेरा मांगते हैं । किसी झील जल सरोवर के किनारे पिकनिक मनाते हैं। देर शाम को एक दूसरे के घरों जाकर लोक नृत्य गीत के साथ लोकडी मांगते हैं। मुहल्ले टोले के वृद्ध बालक स्त्री पुरुष सामूहिक रूप से पूरे उत्साह के साथ छेरछेरा पर्व मनाते हैं। इस रोज गुड़-चुड़ा पकवान खाने खिलाने का विशेष महत्व होता है। ग्रामीण अंचलों में छेरछेरा पर्व सप्ताह भर तक मनाया जाता है। इस दौरान महुआ चावल से बने कच्ची मदिरा पीने पिलाने का भी दौर चलता है। कोरोना काल के मद्देनजर छेरछेरा पर्व गुरूवार को सादगी पूर्ण तरीके से मनाया गया।