रायगढ़
काम में लापरवाही पर एसपी की सख्ती, 10 के खिलाफ विभागीय जांच जारी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 8 फरवरी। बेहतर पुलिसिंग को लेकर देश के टॉप टेन ब्यूरोक्रेट्स मे शामिल जिले के पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने एक तरफ विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों को ईमानदार दायित्व निवर्हन पर शाबासी और तमगा दिया है तो दूसरी तरफ कर्तव्य में लापरवाही बरतने वाले जवानों पर कार्रवाई भी की है।
पुलिस विभाग के आंकड़े के अनुसार महज 16 माह के कार्यकाल मे एसपी संतोष कुमार ने लापरवाही तथा भ्रष्टाचार करने वाले पांच दर्जन पुलिसकर्मियों पर बर्खास्तगी से लेकर वेतनवृद्धि रोकने तक की कार्रवाई की है।
उल्लेखनीय है कि पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने रायगढ़ जिले की कमान संभालने के साथ ही पुलिस की छबि बदलने की दिशा में नवाचार शुरू कर दिया था। इस कड़ी में एक तरफ एसपी सिंह ने जहां थानाध्यक्षों व विभागीय कर्मचारियों की नियत अंतराल में बैठकें लेकर कार्यशैली बदलने के टिप्स दिए, वहीं रचनात्मक सामाजिक गतिविधियों में पुलिस और आम जन के साथ ढेरों हितैषी अभियान का नेतृत्व किया। पीएचक्यू की तर्ज पर जिला पुलिस के बीच कॉप-ऑफ द मंथ जैसी स्वस्थ्य स्पर्धा की शुरुआत कर आईपीएस संतोष कुमार सिंह ने जहां थानों के प्रदर्शन मे सुधार किया वहीं सामाजिक पुलिसिंग की विश्वस्तरीय मिसाल कायम करते हुये रायगढ़ जिले को एक नई पहचान दिलाई।
इन तमाम गतिविधियों के साथ साथ कर्तव्य मे लापरवाही बरतने वाले जवानों को भी पुलिस अधीक्षक ने कड़ा सबक सिखाया है।
विभागीय आंकड़े बताते हैं कि एसपी सिंह ने अपने करीब 16 माह के कार्यकाल मे 60 पुलिसकर्मियों पर दण्डात्मक कार्रवाई की है। इनमें से 13 जवानों को आपराधिक गतिविधियों मे लिप्त होने व अन्य गंभीर शिकायतों की पुष्ट रिपोर्ट के आधार पर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है जबकि अनुपस्थिति तथा लापरवाही बरतने वाले 19 जवानों को निलंबित किया गया है। कार्रवाई की इसी कड़ी मे 28 जवानों की वेतनवृद्धि रोकी गई है तथा 10 जवानों पर अभी भी जांच की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। इसके अलावा दो सप्ताह पूर्व करीब चार दर्जन पुलिसकर्मियों के तबादले के दौरान भी एसपी ने दर्जनों ऐसे जवानों के थाने बदले थे जिन पर लापरवाही तथा भ्रष्टाचार के आरोप संबंधी शिकायतें मिल रहीं थी।