कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 8 फरवरी। कोरिया जिले के सीमावर्ती संरक्षित क्षेत्र रामवनगमन मार्ग की शुरूआत होने वाले स्थान हरचौका के मवई नदी में अवैध रूप से रेत उत्खनन को लेकर जारी धरना-प्रदर्शन में रविवार को पूरे दिन ग्रामीणों ने जमकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोला। सोमवार को भी धरना-प्रदर्शन किया।
देर रात धरना खत्म करने को लेकर ठेकेदार के लोगों द्वारा गोली मारने की धमकी दी गई, जिसके बाद पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह के निर्देश पर तीन लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया गया, परन्तु राजस्व विभाग ने ठेकेदारों के वाहनों पर अब तक किसी तरह की कार्यवाही नही की है, जिसे लेकर ग्रामीणों मे जबरदस्त नाराजगी है और वो रेत उत्खनन बंद करने की मांग पर अड़े हुए है और धरने पर बैठे हैै।
जानकारी के अनुसार 6 फरवरी से ग्रामीण अनिश्चित कालीन धरने पर बैठ गये। रात 12 बजे रेत ठेकेदार के लोग धरना स्थल पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को धरना खत्म करने को कहा यह भी धमकी दी कि यदि वो धरना खत्म नहीं करते है तो गोली मार दी जाएगी, जिसके बाद ग्रामीणों ने और लोगों को चिल्ला कर बुलाया जिसके बाद उनके हाइवा को रोक लिया, धरना के दूसरे दिन रविवार 7 फरवरी को धरना स्थल पर अधिकारी पहुंचे तो ग्रामीणों ने अधिकारियों को घेर लिया। धरना दे रहे ग्रामीणों ने ठेकेदार के लोगों ने जिन्होंने गोली मारने की धमकी देने वालों के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग उठाने लगे जिस पर ग्रामीणों के बीच पहुंचे अधिकारियों द्वारा यह जवाब दिया गया कि उन्होंने गोली मारने कहा था लेकिन गोली मारी थोड़ी है।
जिम्मेदार अधिकारियों के इस तरह के गैर जिम्मेदाराना जवाब से धरना दे रहे ग्रामीण आक्रोशित हो गए। इस दौरान ग्रामीणों व अधिकारियों के बीच जमकर बहस होना शुरू हो गयी। धरनास्थल पर काफी देर तक गहमा गहमी का माहौल बना रहा। ग्रामीणों ने अधिकारियों को अपने घेरे में काफी देर तक रखा। वहीं पुलिस अधीक्षक कोरिया चंद्रमोहन सिंह के निर्देश पर धरना दे रहे ग्रामीणों को गोली मारने की धमकी देने वाले तीन आरोपियों के विरूद्ध अपराध दर्ज कर लिया गया।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाना पुलिस की जिम्मेदारी है आरोपियों पर अपराध दर्ज कर कानूनी कार्यवाही की जायेगी। इसके बाद जनकपुर पुलिस ने रेत खदान के जीएम वीरेंद्र यादव, कुल्लु सिंह तथा संजय बधेल के विरूद्ध आईपीसी की धारा 294,323, 506 व 34 के तहत अपराध दर्ज कर लिया।
तीसरे दिन 8 फरवरी को भी ग्रामीण एकजुट होकर धरना प्रदर्शन करते रहे। ग्रामीणों की मांग है कि ग्राम में अवैध रेत उत्खनन को तत्काल बंद किया जाये। ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए विपक्षी भाजपा, आप व गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी समर्थन में अब आ गयी है। भाजपा के रविशंकर सिंह, आप की प्रदेश उपाध्यक्ष सुखवंति सिंह, रामाशंकर मिश्रा के साथ काफी संख्या में महिलाएं पूरे दिन रविवार को अधिकारियों को घेरे रखा।
मार दी कार से ठोकर
इसके दूसरे दिन ठेकेदार के जीएम द्वारा धरना स्थल पर अपनी कार क्रमांक एमपी 65 सी 3690 से एक बाईक को ठोकर मार दी जिससे कि बाईक सवार दो लोग घायल हो गये। इस घटना को लेकर ग्रामीणोंं में गुस्सा और बढ गया है। ग्रामीणो ने इस घटना को भी साजिश करार देते हुए घटना की जांच की मांग उठाया। जिस तरह से ग्रामीणों के धरना के दूसरे दिन अधिकारियों व ग्रामीणों के बीच बहस हुई जिसके बाद रेत की राजनीति में विपक्षी भी ग्रामीणों की सहानुभूति के लिए सामने आ गयी है।
कार्रवाई मेरे अधिकार क्षेत्र के बाहर
अवैध रेत उत्खनन को रोकने को लेकर जब भरतपुर जनपद क्षेत्र के ग्राम हरचौका के ग्रामीण जब धरना दे रहे थे तब दूसरे दिन मौके पर नायब तहसीलदार पहुंचे तब ग्रामीणों ने अवैध रेत उत्खनन पर कार्यवाही की मांग की, उन्हे पैदल घूमा कर पूरे क्षेत्र की दुर्दशा दिखाई। इसके अलावा हजारों की संख्या में रतनजोत के पेड़ों को कुचल कर रास्ता बनाया गया, जिसे लेकर भी ग्रामीणों में काफी रोष देखा गया। तब नायब तहसीलदार ने जवाब दिया कि इस पर कार्रवाई करना मेरे अधिकार क्षेत्र के बाहर है। ग्रामीणों की मांग भी कि अवैध रेत उत्खनन में लगे पोकलेन, व अन्य वाहनों को जब्त किया जाये। नायब तहसीलदार द्वारा ग्रामीणों से कहा गया कि इसके लिए कलेक्टर से बात करें। वही ग्रामीणों जवाब रहा कि वे किसी से मिलने जाने वाले नही है लेकिन अवैध रूप से रेत उत्खनन को रोकने के लिए धरना जारी रखेंगे। ग्रामीणों के दबाव के बाद नदी के में लगी दो पोकलेन मशीनों को बाहर लाया गया।
आबंटन 5 हेक्टेयर का और खुदाई 50 हेक्टेयर में
अवैध रेत उत्खनन को लेकर धरना दे रहे ग्राम हरचौका के ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन द्वारा रेत उत्खनन के लिए 5 हेक्टेयर का आबंटन किया है लेकिन रेत ठेकेदार के द्वारा नियम विरूद्ध तरीके से 50 हेक्टेयर मे रेत निकाला जा रहा है।
जिससे कि मवई नदी के बड़े स्तर पर प्रतिदिन मश्ीानों की सहायता से भारी मात्रा में रेत निकाली जा रही है जिससे कि नदी में तालाब जैसे बडे बडे गढ्ढे बन गये है।