रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 8 फरवरी। जिले को रेशम एक्सपोर्ट हब के रूप में तैयार करने के लिये व्यापक स्तर प्लांटेशन किया जा रहा है। जिले में रेशम धागा निर्माण के साथ इससे स्थानीय स्तर पर ही कपड़ों के निर्माण को बढ़ावा दिया जाएगा। जिससे कच्चे माल से लेकर अंतिम उत्पाद तक सब कुछ जिले में ही तैयार हो। इससे रोजगार के अवसर में भी वृद्धि होगी। उक्त बातें कलेक्टर ने आजीविका संवर्धन से जुड़े विभागों व योजनाओं की समीक्षा बैठक में कही। इसके लिए तमाम जरूरी व्यवस्थाएं करने के निर्देश रेशम तथा हथकरघा विभाग के अधिकारियों को दिए। महिला समूहों को भी इससे जोडऩे के लिए कहा। उन्होंने टसर रेशम के साथ ही मलबरी रेशम के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये कहा। इसके लिए रेशम कीट पालकों को तमिलनाडु में प्रशिक्षण के लिए भी भेजने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री सिंह ने मार्केट के डिमांड को समझकर उसके अनुसार गुणवत्ता पूर्ण उत्पाद तैयार करने के लिए कहा।
गौठानों में मल्टी एक्टिविटी सेंटर विकसित किया जा रहा है। शुरुआती चरण में प्रत्येक विकासखंड में दो-दो गौठानों का चयन किया गया है। कलेक्टर श्री सिंह ने प्रत्येक गौठान में की जाने वाली गतिविधियों की जानकारी ली। प्रभारियों ने बताया कि चिन्हांकित गतिविधियों में से कुछ प्रारम्भ कर दी गयी हैं। शेष भी जल्द प्रारम्भ होने जा रही है। कलेक्टर श्री सिंह ने गौठानों में तैयार वर्मी कम्पोस्ट के एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने पड़ोसी राज्यों में खरीददारों से समन्वय करने के निर्देश दिए।
इस दिशा में कार्यरत प्रभारी ने बताया कि बालीगुड़ा ओडि़सा से 10 टन कम्पोस्ट की डिमांड आयी है। कलेक्टर श्री सिंह ने सप्लाई के लिए कम्पोस्ट व ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था करने के निर्देश कृषि अधिकारी को दिए।