दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 9 फरवरी। दंतेवाड़ा जिला स्थित बारसूर नगर पंचायत में बोधघाट परियोजना से प्रभावित ग्राम पंचायतों के द्वारा गठित समिति के नेतृत्व में तीन दिवसीय महाधरना आयोजित है। बोधघाट परियोजना के विरोध में मंगलवार को 40 से अधिक ग्राम पंचायतों के ग्रामीण बारसूर में एकत्र हुए। इस दौरान वक्ताओं ने एक स्वर में परियोजना को बंद करने की पुरजोर मांग की।
धरना स्थल पर मंगलवार को बस्तर अधिकार संघर्ष मोर्चा के संभागीय संयोजक नवनीत चांद ने प्रदेश सरकार पर जनता के संवैधानिक अधिकारों के हनन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बस्तर की परियोजना में बस्तर के नागरिकों की सहमति आवश्यक है। इस परियोजना से 50 ग्राम पंचायतें प्रभावित होंगी। वहीं 14 हजार हेक्टेयर भूमि डूबान क्षेत्र में आएगी।
इससे पूर्व धरना प्रदर्शन के दूसरे दिन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता मनीष कुंजाम ने भी इस परियोजना की आलोचना की। उन्होंने कहा कि बोधघाट परियोजना से ग्रामीणों की भूमि डूबान क्षेत्र में चली जाएगी। इसके चलते आदिवासियों की आजीविका प्रभावित होगी। उन्होंने प्रदेश सरकार से जनहित में इस परियोजना को बंद करने की अपील की। इस अवसर पर सुखमन नाग, भरत कश्यप और भीमसेन मंडावी सहित हजारों ग्रामीण उपस्थित थे।