गरियाबंद

कुल्हाड़ीघाट में जिस आदिवासी महिला के हाथों राजीव ने खाया था कंद-मूल, उसकी नाती बहू और शिशु की मौत
10-Feb-2021 5:23 PM
कुल्हाड़ीघाट में जिस आदिवासी महिला के हाथों राजीव ने खाया था कंद-मूल, उसकी नाती बहू और शिशु की मौत

कर्ज लेकर चुकाया अस्पताल का बिल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मैनपुर, 10 फरवरी।
राजीव गांधी को कंद-मूल खिलाकर पोस्टर लेडी के नाम से मशहूर हुई बल्दी बाई की नाती बहू और बच्चे की प्रसव के दौरान रायपुर जिले के अभनपुर में एक निजी अस्पताल में मौत हो गई। यह महिला विशेष पिछड़ी जनजाति कमार जनजाति की है। इसके बावजूद परिजनों को कर्ज करके अस्पताल का बिल चुकाना पड़ा। आरोप है कि पीडि़त परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया।

गरियाबंद जिले के विकासखण्ड मुख्यालय मैनपुर से महज 18 किलोमीटर दूर घने जंगलों के अंदर बसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के गोदग्राम कुल्हाड़ीघाट जहां विशेष पिछड़ी जनजाति कमार आदिवासी निवास करते हैं, और कांग्रेस की पोस्टर लेडी के नाम से मशहूर कुल्हाड़ीघाट निवासी बल्दीबाई को पूरा प्रदेश जानता और पहचानता है। बल्दी बाई की नाती बहू और बच्चे की प्रसव के दौरान अभनपुर के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई।

परिजनों के मुताबिक स्वास्थ्य योजना का लाभ लेने के लिए उन्होंने अस्पताल में राशनकार्ड जैसे जरूरी दस्तावेज जमा किए थे मगर उसके बाद भी उन्हें आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल पाया। परिजनों को तकरीबन 12 घंटे लाश के साथ अस्पताल में गुजारने पड़े।  मंगलवार दोपहर 12 बजे परिजनों ने कर्ज लेकर रकम का इंतजाम किया और अस्पताल में इलाज का बिल जमा कराया, तब कही ंजाकर परिजन शव लेकर अपने घर कुल्हाड़ीघाट शाम तक पहुंचे ।

ज्ञात हो कि बल्दीबाई वहीं कमार महिला है जिन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनकी पत्नी सोनिया गांधी को सन् 1985 में कुल्हाड़ीघाट प्रवास के दौरान अपनी झोपड़ी में बिठाकर कंदमूल खिलाये थे, तब से बल्दीबाई कांग्रेस की पोस्टर लेडी के रूप में जानी जाती है, और बल्दी बाई की नाती बहू को 8 फरवरी को प्रसव पीड़ा होने पर उन्हें सबसे पहले मैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया था जहां उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हे जिला अस्पातल रिफर किये जाने की जानकारी मिली थी लेकिन बल्दी बाई की नाती बहू और बच्चें की प्रसव के दौरान मौत हो गई और उन्हें स्वास्थ्य योजना का लाभ भी नहीं मिल पाया। 

मृतका के पति व बल्दी बाई के नाती धनसाय सोरी ने बताया कि उनकी पत्नी चन्द्रबती सोरी को प्रसव के लिए अभनपुर के एक निजी अस्पताल में ले गये थे और इस दौरान उसकी पत्नी चन्द्रबती सोरी (35 वर्ष) और शिशु की मौत हो गई, लेकिन उन्हें शासन के महत्वपूर्ण योजना आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिला। अस्पताल प्रबंधन द्वारा अस्पताल में अभी कर्मचारी नहीं है बताया गया। तब इधर उधर से कर्ज उधारी लेकर मंगलवार को उसकी मृतक पत्नी को लेकर कुल्हाड़ीघाट पहुंचे है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा हम विशेष पिछड़ी कमार जनजाति के विकास के लिए अनेक योजनाएं संचालित किया जा रहा है लेकिन इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

मैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के बीएमओ डॉ. गजेन्द्र नेगी ने बताया कि सोमवार को बल्दी बाई की नाती बहू चन्द्रबती सोरी को मैनपुर अस्पताल लाया गया था लेकिन उनकी स्थिति बेहद खराब थी इसलिए बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया था और उन्हें शासन के स्वास्थ्य आयुष्मान योजना का तो लाभ मिलना ही था लेकिन उन लोग कैसे निजी अस्पताल पहुंचे इसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है ।

कमार विकास अभिकरण के सदस्य पिलेश्वर सोरी ने कहा कि विशेष पिछड़ी कमार जनजाति की महिला को प्रसव पीड़ा के दौरान मौत हो जाती है। और उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ न मिलना कई सवाल को खड़े करता है और विशेष पिछड़ी कमार जनजाति के लोगो को मौत होने के बाद कर्ज लेकर लाश को घर तक लाना पडा़। उन्होंने कहा कि इस मामले की शिकायत स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से करेंगे।
 

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