राजनांदगांव
नक्सलियों को घेरने एसटीएफ की स्पेशल एंटी नक्सल फोर्स
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 11 फरवरी। मानपुर इलाके में हुए नक्सल हत्या के बाद पुलिस ने अब एसटीएफ की विशेष एंटी नक्सल फोर्स ‘ब्लैक पैंथर’ की मदद ली है। एसटीएफ में कड़े अभ्यास के बाद ब्लैक पैंथर के नाम से एक टीम नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए गठित की गई है। बताया जाता है कि राजनंादगांव के मानपुर इलाके में बीते माह हुए नक्सली घटनाओं को रोकने की दिशा में पुलिस ने ब्लैक पैंथर को सीमा में करीब 10 दिन तक अस्थाई रूप से तैनात रखा। वहीं पुलिस की एक अलग टीम भी नक्सलियों को घेरने के लिए डटी रही।
बताया जा रहा है कि नक्सलियों से अब लडऩे के लिए ब्लैक पैंथर हर थोड़े दिनों के अंतराल में जंगल में मोर्चा सम्हालेगी। इसके लिए एसपी डी. श्रवण ने आलाधिकारियों से चर्चा की थी। मानपुर में गुजरा महीना निर्दोष ग्रामीणों की हत्या की वजह से डर का माहौल आज पर्यन्त बरकरार है। ग्रामीणों को सुरक्षा देने के लिए पुलिस की कोशिशें नाकाफी साबित हुई है। मौका देखकर नक्सलियों ने अपने मंसूबों को पूरा करते हुए आम लोगों को मौत के घाट उतारा है।
बताया जाता है कि एसटीएफ ने नक्सलियों से लडऩे के लिए ब्लैक पैंथर के नाम से एक लड़ाकू फोर्स तैयार किया है। इस फोर्स में चुनिंदा सिपाहियों को ही जगह दी गई है। एसटीएफ अपनी निगरानी में विशेष ट्रेनिंग और शारीरिक दक्षता के आधार पर जवानों को ब्लैक पैंथर में शामिल करता है। नक्सलियों से लडऩे के लिए यह फोर्स काफी दमदार मानी जाती है। वहीं जांबाज जवान बेखौफ अंदरूनी इलाकों में घुसकर नक्सलियों को घेरने में दक्ष होते हैं।
बताया जाता है कि हत्या की घटना को अंजाम देने के बाद नक्सलियों की मौजूदगी कम हुई है। ब्लैक पैंथर ने मानपुर अनुभाग के महाराष्ट्र सीमा पर बसे गांवों का धड़ल्ले से मुआयना किया। पुलिस ने ब्लैक पैंथर नक्सलियों की खोज खबर लेने एक गोपनीय अभियान चलाया। हालांकि पुलिस को नक्सलियों को लेकर ठोस जानकारी नहीं मिली।
इस संबंध में एसपी डी. श्रवण ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि ब्लैक पैंथर को अस्थाई रूप से कुछ दिनों के लिए जंगल में तैनात किया गया था। पुलिस का मनोबल अब भी ऊंचा है। किसी भी तरह की वारदात को रोकने की पूरी कोशिश की जा रही है। उधर मानपुर के मदनवाड़ा, औंधी, सीतागांव तथा दूसरे सरहदी गांवों में ब्लैक पैंथर के जवानों ने अपने आक्रामक अभियान के तहत नक्सलियों को चुनौती दी है। बताया जा रहा है कि ब्लैक पैंथर के पहुंचने से नक्सल खौफ में कमी आई है। हर थोड़े दिनों के अंतराल में ब्लैक पैंथर बीहड़ों में कैम्प और सर्चिंग करते नजर आएगा। पुलिस नक्सल अभियान के लिहाज से ब्लैक पैंथर की मौजूदगी को कारगार मान रही है।