कोरिया
विशेष ग्राम सभा में पुराने प्रस्ताव खारिज कर संरक्षित क्षेत्र से रेत खुदाई प्रतिबंधित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 13 फरवरी। कोरिया जिले के हरचोखा में अवैध रेत खुदाई के खिलाफ 8वें दिन भी ग्रामीण धरने पर बैठे हुए हंै। ग्रामीणों ने आज विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया है, जिसमें रेत उत्खनन के पुराने प्रस्ताव को खारिज करने के साथ नए प्रस्ताव में रेत उत्खनन पर रोक लगाने पर सहमति बनाई गयी। वहीं पटवारी द्वारा रेत उत्खनन के क्षेत्रफल की नाप जोख में ठेकेदार द्वारा बेतहाशा अवैध कारोबार का खुलासा हुआ है।
जानकारी के अनुसार बीते 6 फरवरी से धरने पर बैठे ग्रामीणों ने शनिवार को भी अपना धरना प्रदर्शन जारी रखा है, इस दिवस ग्रामीणों ने विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया, जिसमें पुराने प्रस्ताव का खारिज कर नए प्रस्ताव में संरक्षित क्षेत्र से रेत उत्खनन का प्रतिबंधित कर दिया गया है, साथ पटवारी और आरआई के द्वारा की गई नाप जोख में लीज क्षेत्र से ज्यादा क्षेत्र में रेत उत्खनन पर ठेकेदार पर जनकपुर थाने में एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है।
वहीं धरने को 8वां दिन जारी है, परन्तु जिला प्रशासन ने अब तक ग्रामीणों से किसी भी तरह की बातचीत नहीं की है और न ही किसी तरह की बातचीत का प्रस्ताव दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि पूरे मामले में स्थानीय प्रशासन और जिला प्रशासन दोनों जिम्मेदार है, खुदाई के पूर्व स्वयं एसडीएम, तहसीलदार और पटवारी हरचोखा आए थे और नाप जोख कर उसे रेत निकालने की हर सुविधा मुहैया कराई गई थी, धान रोकने लगे बेरियर पर रेत के हाईवा को रोके जाने की मनाही की गई थी, उनकी किसी भी तरह की जांच न की जाए, ऐसे सख्त निर्देश दिए गए थे, सैकड़ों हाईवा यहां से मप्र-उप्र जा रहे थे, परन्तु उनके पीटपास की जांच की किसी भी तरह की व्यवस्था नहीं की गई, जिससे तय है कि अवैध कारोबार में ठेकेदार को जिला प्रशासन का पूरा साथ मिला था।
लीज एरिया से ज्यादा निकाली रेत
ग्रामीणों के लीज एरिया से ज्यादा एरिया में रेत निकाले जाने की बात सही साबित हुई है। धरने के बाद आरआई और पटवारी ने लीज एरिया के साथ खनन एरिया की नाप जोख की, जिसके बाद लगभग 350 मीटर ज्यादा क्षेत्र से अवैध रेत का उत्खनन का खुलासा हुआ। इसके अलावा नदी के अंदर 4 मीटर नीचे तक की अवैध खुदाई भी मशीनों से की गई, जिसके कारण आसपास के क्षेत्रों का जलस्तर नीचे चला गया है। जबकि ‘छत्तीसगढ़’ लगातार नबंवर- दिसंबर 2020 में अवैध कारोबार को लेकर खबर का प्रकाशन करता आ रहा था, बावजूद प्रशासन ने मामले को नजरअंदाज किया।
खनिज विभाग के अधिकारियों की माने तो लीज एरिया से उत्खनन करने को अवैध माना जाता है, ऐसे में बाजार मूल्य के दुगुने दर की पेनाल्टी तय की जाती है, ठेकेदार के खिलाफ कोर्ट में भी मामला दर्ज करवाया जाता है, दुगुने दर पर नहीं देने पर ठेकेदार पर अतिरिक्त पेनाल्टी भी लगाई जा सकती है। वहीं पुलिस ऐसे मामले में एफआईआर दर्ज कर सकती है।