राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 16 फरवरी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यांगता सशक्तिकरण संस्थान के अधीन संचालित समेकित क्षेत्रिय केन्द्र राजनांदगांव छत्तीसगढ़ द्वारा 8 से 12 फरवरी तक सीआरसी राजनांदगांव में भारतीय पुनर्वास परिषद नई दिल्ली के नियमानुसार पांच दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन विकासात्मक दिव्यांगता में आधुनिक विकास वाद-विवाद एवं उभयसंकट तर्क पर सीआरई कार्यक्रम का ऑनलाइन आयोजन किया गया। जिसमें 30 प्रतिभागी विभिन्न राज्यों से शामिल हुए।
कार्यक्रम का शुभारंभ सीआरसी के निदेशक कुमार राजू द्वारा किया गया। कार्यक्रम में प्रतिदिन सुबह 9 से दोपहर 1.30 बजे तक विभिन्न विभागीय प्रोफेशनल्स सहायक प्राध्यापक राजेंद्र कुमार प्रवीण, विशेष प्रशिक्षक (विशेष शिक्षा विभाग) प्रसादी कुमार महतो, सहायक प्राध्यापक (मनोविज्ञानिक विभाग) श्रीदेवी गोडिशाला, गजेन्द्र साहू एवं पूनम (वाक् एवं श्रवण विभाग), (परोस्थेटिक एंड आर्थोटिक विभाग) अभिनंदन नायक, प्रवक्ता (फिजियोथेरेपी विभाग) आशीष परासर एवं प्रवक्ता (व्यावसायिकथेरेपी विभाग) देबाशीष रॉउत के द्वारा दिव्यांगता के क्षेत्र में नई आकलन विधि और विकासात्मक दिव्यांगता के विकास की अवस्थाओं की विस्तृत चर्चा की गई, ताकि सभी प्रतिभागी अपने क्षेत्र में इस ज्ञान का उपयोग दिव्यांगजन के सही आकलन एवं जीवन स्तर को बढ़ाने में मददगार हो। कार्यक्रम के सभी सत्र बाद भारतीय पुनर्वास परिषद नई दिल्ली के नियमानुसार प्रतिभागियों मूल्यांकन भी किया गया, ताकि प्रतिभागियों का आत्मबल बढ़े और आखिरी दिन धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन कार्यक्रम समन्वयक अभिनंदन नायक द्वारा किया गया।