बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
करगीरोड( कोटा ), 18 फरवरी। बिलासपुर से कटनी रेल्वे रुट पर स्थित बेलगहना रेल्वे स्टेशन के पीछे पहाड़ी स्थित सिद्ध बाबा मंदिर परिसर में पिछले चार दिनों से चल रहा मेला आस्था के साथ ही आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु मेला परिसर पहुंचकर मंदिर में होने वाले धार्मिक अनुष्ठानों का आध्यात्मिक लाभ ले रहे हैं। वहीं मेले में खरीदारी का आनंद भी उठा रहे हैं।
बेलगहना मेले का विशेष महत्व है। मेले की मस्ती और आनंद के साथ ही हवन-पूजन, रुद्र महायज्ञ और मानस गायन के साथ आस्था का माहौल देखते ही बन रहा है। दूर-दूर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचकर हवन-पूजन में शामिल हो रहे हैं।
आश्रम परिवार के शिष्य बालमुकुंद पाण्डे ने बताया कि बेलगहना पहाड़ी में सिद्धबाबा का मंदिर है। सदानंद महाराज का समाधि स्थल भी है। वहीं मंदिर में स्थापित पारस शिवलिंग की अपनी ही महिमा है। मान्यता है कि भोलेबाबा के दर्शन करने से सभी की मनोकामना पूर्ण होती है। साथ ही इस पारस शिवलिंग को लेकर विशेष मान्यता है। यहां मेला पिछले 65 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है। मंदिर परिसर में आकर जहां दर्शन लाभ व धार्मिक अनुष्ठानों के साथ आस्था का माहौल बना हुआ है, वहीं मेले में झूला और विभिन्न पकवानों के साथ लोगों का उत्साह दुगुना हो रहा है। इससे प्रतिदिन श्रद्धालुओं की संख्या देखते ही बन रही है।मंदिर में प्रतिदिन भंडारा लगाया जा रहा है। इसमें प्रतिदिन बड़ी संख्या में पहुंचने वाले श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने के बाद भोग प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं। अभी तक लगभग 30 हजार दर्शनार्थी भंडारे का हिस्सा बन चुके हैं।
पांच दिवसीय मेले का समापन गुरुवार को हुआ। इस अवसर पर पूर्णाहुति हुई। साथ ही भंडारा और ब्रह्मभोज का आयोजन किया गया।
आश्रम परिसर में आयोजित रुद्र महायज्ञ में ब्राम्हण बालकों का उपनयन संस्कार किया गया। इस अवसर पर ब्रम्हलीन स्वामी सदानंद की समाधि स्थल के दर्शन के लिए बड़ी में संख्या में श्रद्घालु पहुंचे। यज्ञ स्थल में उपनयन संस्कार पूर्ण होने के बाद महात्मा शिवानंद महाराज से आशीर्वाद प्राप्त कर मिक्षाटन के लिए आश्रम परिसर में बुुजुर्गों से आशीर्वाद लिए।
इस अवसर पर सिद्घ आश्रम के श्रीराम चरित मानस मंच पर दूर-दूर से कलाकारों द्वारा संगीतमय प्रस्तुति दी गई।