राजनांदगांव
प्राचार्यों संग बैठक में शिक्षकों को नियमित स्कूल आने की हिदायत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 20 फरवरी। शहर के निजी स्कूल युगांतर स्कूल में कोरोना ब्लॉस्ट होने के बाद जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए सरकारी स्कूलों के प्राचार्यों के साथ आज पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर आडिटोरियम में कार्यशाला आयोजित की गई।
कलेक्टर टीके वर्मा की अध्यक्षता में भारत शासन एवं राज्य शासन के कोविड-19 के दिशा-निर्देश के परिपालन में आयोजित कार्यशाला में सीएमएचओ डॉ. मिथलेश चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी एचआर सोम, सहायक परियोजना अधिकारी साक्षरता रश्मि सिंह, सहायक संचालक राज्य शिक्षा मिशन एसके पांडेय, राजीव गांधी शिक्षा मिशन के जिला समन्वयक भूपेश साहू, सहायक संचालक शिक्षा विभाग आदित्य खरे, सहायक संचालक शिक्षा विभाग संगीता राव तथा 330 हायर सेकंडरी एवं हाई स्कूल के प्राचार्य एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारी एवं विकासखंड स्त्रोत समन्वयक एवं शिक्षकगण उपस्थित थे।
कार्यशाला में कलेक्टर वर्मा ने कहा कि मार्च 2020 से हम सभी कोविड-19 के कारण विषम परिस्थितियों से गुजर रहे हैं। अब भारत शासन के निर्देशानुसार धीरे-धीरे संस्थाएं खुल रहे हैं। परिस्थितियां सामान्य नहीं हैं, इसके बावजूद बहुत सी संस्थाएं कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग को सजग रहना है और कड़ाई से प्रोटोकॉल का पालन करना है। नियमों को अपनाकर ही सब सुरक्षित रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि सर्दी, खांसी एवं बुखार के लक्षण होने पर तत्काल अपने वरिष्ठ अधिकारियोंं एवं बीएमओ को सूचित करें। तीनों प्रकार के लक्षण होने पर आरटीपीसीआर की नि:शुल्क जांच कराएं। कक्षा के दौरान जो बच्चे जिस टेबल पर बैठते हैं वह उसी टेबल पर बैठे। ऐसे में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग करने में सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षक स्वयं को, बच्चों तथा स्टॉफ को कोविड-19 संक्रमण से सुरक्षित रखें।
कलेक्टर ने कहा कि प्राचार्य अपने स्कूल के बच्चों को परीक्षा के पहले अच्छे से प्रोत्साहित करें और उनका आत्मविश्वास बढ़ाए, ताकि बच्चे परीक्षा के लिए मानसिक रूप से स्वयं को तैयार कर सके। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को स्कूल में समय पर आना चाहिए और लापरवाही एवं अनुशासनहीनता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षक का पद सम्मानीय है। ऐसी स्थिति में विगत दिनों एक शिक्षक द्वारा की गई घटना सामने आई है जो नैतिक एवं चारित्रिक पतन को दर्शाती है। उन्होंने सभी प्राचार्यों से कहा कि स्कूल में ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रति 5 विधानसभा में मोहला, छुरिया, गंडई, डोंगरगांव एवं डोंगरगढ़ में 5 इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले जा रहे हैं। जिसकी राशि शीघ्र ही स्वीकृत हो जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य शासन के निर्देशानुसार जिले में फीस विनियामक समिति का गठन किया गया है। इसके नोडल अधिकारी बैठक लें और निर्धारित फीस की जानकारी सूचना पटल में चस्पा करें।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने कहा कि लंबे समय बाद स्कूल खुले हैं। सभी बच्चे एवं शिक्षक तथा स्टॉफ मास्क से अपने नाक और मुख को ढंककर रखेंगे। सभी स्कूल स्टॉफ एवं शिक्षक को कोरोना टेस्ट कराने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी बच्चे या शिक्षक का कोरोना पॉजिटिव आने पर उसके पूरे परिवार का कोविड-19 टेस्ट कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति के संक्रमित होने पर पूरा परिवार संक्रमित होता है। सभी मास्क लगाकर आएंगे। समूह में नहीं रहेंगे, सोशल डिस्टेसिंग का पालन करेंगे, हाथ नहीं मिलाना है, हाथ जोडक़र नमस्ते करेंगे। साबुन से हाथ धोना है और सेनेटाईजर का उपयोग करते रहेंगे। सभी बच्चे पानी की बोटल साथ लाएंगे और अपना टिफिन अलग लेकर आएंगे तथा एक दूसरे के साथ बांटकर नहीं खाएंगे। टेबल की सतह सेनेटाईज करेंगे। शौचालय में भी साफ-सफाई होनी चाहिए।
जिला शिक्षा अधिकारी एचआर सोम ने कहा कि कोविड-19 का पालन करते बच्चों को सुरक्षित रखें एवं सोशल डिस्टेसिंग के मापदंडों का पालन करें। सुरक्षा के सभी उपायों का जतन करें। सर्दी, खांसी और बुखार के किसी शिक्षक या बच्चे को स्कूल में प्रवेश न करने दें और ऐसे मरीजों को परीक्षण के लिए निर्देशित करें। पालकों की सहमति से अवकाश के दिन में बच्चों को कोचिंग भी दे सकते हैं।