महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 21 फरवरी। स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम बीते दिनों अखिल भारतीय गोंड समाज सर्कल भुरकोनी राज कौडिय़ा पिथौरा के वार्षिक स्नेह सम्मेलन में बतौर मुख्य आतिथ्य शामिल हुए। स्कूल शिक्षा मंत्री ने इस अवसर पर ग्राम सोहगपुर वन अधिकार पट्टा, दो दिव्यांगों को विवाह आर्थिक सहायता एवं तीन कृत्रिम बुद्धिमत्ता आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में चयनित बच्चों को लैपटाप एवं शिक्षिक को प्रशस्ति पत्र सौंपा। कार्यक्रम की अध्यक्षता संसदीय सचिव एवं खल्लारी विधायक द्वारिकाधीश यादव ने की। मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि समाज के विकास में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान होता है इसलिए जरूरी है कि समाज के सभी लोग शिक्षित हो। शिक्षा ही विकास का आधार है। सामाजिक विकास की रीढ़ शिक्षा को ही माना जाता है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी लोग शिक्षित हो। शिक्षा ही विकास का आधार है। सामाजिक विकास की रीढ़ शिक्षा को ही माना जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा के बिना समाज का विकास असंभव है। जिस समाज में लोग शिक्षित होते हैं वह समाज उत्तरोत्तर वृद्धि को प्राप्त करता है। अत: समाज के विकास में शिक्षा की भूमिका अति महत्वपूर्ण है। पहले उन्होंने आदिवासी समाज के आराध्य देव बड़ादेव की पूजा अर्चना की। संसदीय सचिव एवं खल्लारी विधायक द्वारिकाधीश यादव ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री सदैव छत्तीसगढ़ के सर्वांगीण विकास की सोच रखते हैं और सतत छत्तीसगढ़ को विकास के पथ पर आगे लेकर जा रहे हैं।
उन्होंने स्नेह सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्य मंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार छत्तीसगढ़ में शिक्षा के विकास के लिए कटिबद्ध है। सरकार हर विकासखंड में अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय खुलवा रही है। इसके साथ ही एकलव्य विद्यालय के रूप में आदिवासी बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था कर रही है। वनांचलों से आने वाले प्रतिभावान विद्यार्थियों के लिए प्रयास विद्यालय की स्थापना लगातार जारी है। जिससे विद्यार्थियों को अच्छा वातावरण और गुणवक्तापूर्ण शिक्षा एवं अध्ययन कार्य के लिए उपयुक्त व्यवस्था मिल रही है। कार्यक्रम में डा. रश्मि चंद्राकर, स्थानीय आदिवासी समाज प्रमुख, जनप्रतिनिधि सहित वरिष्ठ जन एवं ग्रामीण जन शामिल हुए।