महासमुन्द
महासमुन्द, 23 फरवरी। विगत दिनों ग्राम झालखम्हरिया में 12 वर्षो बाद मड़ई मेला का सफल कार्यक्रम आयोजित की गई। जिसमें मुख्य अतिथि जनपद क्षेत्र क्रमांक 14 की जनपद सदस्य निधि लोकेश चन्द्राकर व समाज सेवी लोकेश चन्द्राकर के आतिथ्य में आयोजित हुआ।
मुख्य अतिथि श्रीमती चन्द्राकर ने ग्रामीणों को मड़ई मेला की शुभकामनाएं देते हुये बताया कि दीवाली उत्सव की शुरूआत वैसे तो धनतेरस से मानी जाती है। कई तरह की परंपराएं समाज के विभिन्न वर्ग इस दौरान पूर्ण करते हैं। दीवाली के बाद भी कई दिनों तक उत्सव मनाया जाता है। दीवाली के दो दिन बाद से मड़ई भरना शुरू हो जाती है। मड़ई एक तरह के छोटे बाजार होते हैं, जिनमें बच्चों के खिलौने से लेकर कपड़े और झूले तक मिलते हैं।
इन्हें दीवाली के बाद लगने वाले मेले भी कहा जा सकता है। हालांकि इनका स्वरूप मेले से छोटा होता है। कुछ स्थानों पर एक तो कहीं तीन दिनों तक मड़ई भरने की परंपरा है। मुख्य अतिथि के साथ कार्यक्रम में अश्विनी सोनी, हेमन्त लुनिया, खिलावन चक्रधारी, कोमल साहू सहित गांव के लोग उपस्थित थे।