रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 फरवरी। छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रेक्टर्स एसोसिएशन द्वारा अपनी मांगों को लेकर 25 फरवरी को रायपुर समेत सभी जिला मुख्यालयों में एक दिनी धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि मांगें पूरी न होने पर वे सभी 1 से 3 मार्च तक सभी निर्माण कार्य बंद कर हड़ताल पर चले जाएंगे।
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला व अन्य पदाधिकारियों ने मीडिया से चर्चा में कहा कि प्रदेश सरकार की रॉयल्टी की दरों की कटौती स्वीकार है, लेकिन बाजार दर अनुचित है। वर्तमान में बाजार दर में कटौती की गई, तो उन्हें निर्माण कार्यों का घर बेचकर भुगतान करना होगा। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों के रख-रखाव के लिए 5 साल की सीमा तय की गई है। जल संसाधन विभाग में एनीकट-बांधों का दस साल रखरखाव की सीमा तय की गई है, जो व्यवहारिक नहीं है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सडक़ योजना व एडीबी द्वारा जो निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं, उनमें रख-रखाव के लिए विभाग से भुगतान होता है। यह नियम यहां भी लागू किया जाए। उन्होंने मांग की है कि अतिरिक्त सुरक्षा निधि की राशि जारी की जाए। उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि बस्तर क्षेत्र में जारी 50 लाख तक के निर्माण कार्यों का मेनुअल टेंडर निमय को आगे दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर एवं अंबिकापुर परिक्षेत्र में भी नियम को लागू किया जाए।
मांगों को लेकर प्रदेश के सभी निर्माण विभागों के मंत्री एवं प्रदेश के उच्च अधिकारियों को एसोसिएशन द्वारा अवगत कराया गया है। उक्त मांगों को लेकर लगातार प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में 25 फरवरी को एक दिनी धरना ठेकेदारों के द्वारा किया जाएगा। मुख्यमंत्री के नाम पर जिला कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा जाएगा। साथ ही शासन द्वारा किसी समस्या के निदान हेतु निर्देशित नहीं किया गया, तो 1 से 3 मार्च को प्रदेश के सभी निर्माण कार्य बंद रहेंगे।