महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 24 फरवरी। गरियाबंद जिले के वृहद सिंचाई परियोजना सिकाशेर जलाशय के अतिरिक्त पानी को नहर के जरिए खल्लारी, महासमुन्द एवं पिथौरा ब्लाक के खेतों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने की मांग जनपद अध्यक्ष बागबाहरा स्मिता चंद्राकर ने की है।
उन्होंने कहा है कि पैरी नदी में निर्मित सिकाशेर जलाशय का केचमेंट एरिया वृहत होने के कारण पहली ही बरसात में पूरा जलभराव हो जाता है और जलभराव के कारण अतिरिक्त पानी वेस्टवेयर के माध्यम से व्यर्थ बह जाता है। छत्तीसगढ़ के एकमात्र जलाशय सिकाशेर के जलभराव की स्थिति को देखते हुए पूर्व के राज्य सरकार डॉ रमन सिंह के समय में अपर सिकासेर जलाशय निर्माण का प्रस्ताव एवं सर्वे के लिए बजट में प्रावधान किया गया है। सर्वे में सिकाशेर जलाशय के 1.5 किलोमीटर ऊपर दो गांव पूर्ण रूपेण एवं एक गांव आंशिक रूप से दुबान में आ रहा है।
स्मिता चंद्राकर के मुताबिक छत्तीसगढ़ शासन जल संसाधन विभाग ने प्रस्तावित अपर सिकाशेर जलाशय से नहर निर्माण का सेटेलाइट से सर्वे किया है। उस सर्वे के अनुसार सिकाशेर जलाशय समुद्र तल से ऊंचाई 393.13 मीटर है।
बागबाहरा रेलवे स्टेशन 361, भीमखोज 325, महासमुन्द 302, कोडार जलाशय 285 मीटर की ऊंचाई पर है।
इस तरह सिकाशेर से महासमुन्द जिला काफी नीचे है। अत: यहां पानी पहुंचाना आसान होगा। राज्य सरकार से आग्रह है कि अपर सिकासेर जलाशय के व्यर्थ बह रहे पानी को पूर्व के सर्वे के अनुसार मात्र नहर निर्माण कर खल्लारी, महासमुन्द, पिथौरा ब्लाक के खेतों के लिए दें। सल में भूजल दोहन शत.प्रतिशत रुक जाएगा और भूजल स्तर में काफी सुधार होगा चाहे किसानों की आय दोगुनी करने की बात हो या किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की बात हो। यह तभी होगा जब हर खेत में पानी पहुंचेगा। पूर्ण उम्मीद है कि सिकाशेर से नहर निर्माण को राज्य सरकार बजट में शामिल करेंगे।