बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 25 फरवरी। माँ साई कला केंद्र द्वारा गत दिनों कत्थक का आयोजन किया गया। केंद्र की प्राचार्य प्राची परिहार द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया।
नृत्य कला कत्थक को व्यापक करना एवं अधिक से अधिक क्षेत्रों में पहुंचना एवं संस्कृति का संरक्षण करना माँ साई कला केंद्र का उद्देश्य रहा है। कत्थक उत्तर भारत की नृत्य शैली है। यह बहुत प्राचीन शैली है। रामायण में कत्थक का वर्णन है। भगवान श्री राम की ही स्तुति की जाती थी। इस कार्यक्रम का आयोजन बस्तर ऑफ चेम्बर जगदलपुर में किया गया।
ज्ञात हो कि माँ साई कला केंद्र की स्थापना 2017-2018 में हुई थी, जो दलपत सागर वार्ड के बैला बाजार पर स्थित है। प्राचार्य प्राची परिहार इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से सम्बद्ध है। कत्थक नृत्य में एम.ए.,एम फील की उपाधि प्राप्त है। अखिल भारतीय नृत्य प्रतियोगिता कटनी मध्यप्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त एवं गोल्ड मैडल सहित नृत्य श्री उपाधि की भी विजेता रही है। भोरमदेव, रतनपुर महोत्सव में भी अपनी प्रस्तुति दे चुकी हैं। नृत्य को बढ़ावा देने हेतु पूर्णत: समर्पित रही हंै। इस कला केंद्र में मोनिका शुक्ला शिक्षक के रूप में अपनी सेवा दे रही हंै।
कार्यक्रम की शुरुवात संस्था के ही छात्राओं के द्वारा एवम माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवम दीप प्रज्वलन कर किया गया। सर्वप्रथम संस्था के छात्राओं द्वारा अपने अपने माता एवं पिता का पुष्प से स्वागत एवं आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस अवसर पर पूरन सिंह परिहार, विद्या शरण तिवारी,संग्राम सिंह राणा, स्मृता दुबे,ममता राणा,संजय दान,जैकलीन दान,जयंत शुक्ला,योगेश टांक,शिव शंकर पिल्ले,मुकेश वासनिक,कमलेश पांडेय,पायल पांडेय,संजय शर्मा,जयंत शुक्ला,संजय झा,दिव्यराज सिंह राणा,शिवम तिवारी,विनायक तिवारी,सहित बच्चों के माता पिता उपस्थित थे।