महासमुन्द
23 लाख क्विंटल धान की हो सकती है बिक्री
छत्तीसगढ़ संवाददाता
महासमुन्द, 26 फरवरी। जिले के उपार्जन केंद्रों में रखे धान को बेचने की तैयारियां शासन स्तर पर शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा इस बार अधिक धान का उठाव करना था, लेकिन उठाव का लक्ष्य कम कर दिया है। जिसकी वजह से शेष धान को ई-नीलामी के माध्यम से व्यापारियों को बेचने के लिए सरकार तैयारी कर रही है।
शासन स्तर पर गाइडलाइन तैयार हो गया है, लेकिन अभी रेट तय नहीं हुआ है। धान की ई-नीलामी में भाग लेने के लिए शासन स्तर पर पंजीयन शुरू हो गया है। पंजीयन का काम समाप्त होते ही धान की ई.नीलामी की प्रक्रिया की जाएगी। प्रथम चरण की नीलामी के लिए प्रस्तावित शेड्यूल राज्य विपणन संघ के द्वारा तैयार कर लिया गया है। महासमुन्द जिले में 3 मार्च से 9 मार्च तक नीलामी का प्रथम चरण होगा। पहले चरण में पांच उपार्जन केंद्र से धान की ई-नीलामी की जाएगी।
जिला खाद्य अधिकारी नितिश त्रिवेदी ने बताया कि केंद्र सरकार से 40 लाख क्विंटल धान का उठाव किया जाना था, लेकिन 24 लाख का ही उठाव केंद्र सरकार कर रही है। इसके कारण अतिशेष धान को इस बार राज्य सरकार ने ई-नीलामी के माध्यम से बेचने का निर्णय लिया है। पिछले एक दिसम्बर से 31 जनवरी तक सरकार ने किसानों से समर्थन मूल्य 2500 रुपए में धान की खरीदी की है। जिले में इस बार 1 लाख 36 हजार 639 पंजीकृत किसानों ने 75 लाख 139 क्विंटल धान 138 उपार्जन केंद्र के माध्यम से बेचा है। वर्तमान में 28 लाख 11 क्विंटल धान उपार्जन केंद्रों में रखा हुआ है। इसके अलावा 16 लाख 65 हजार क्विंटल धान जिले के संग्रहण केंद्रों में है। शेष धान का उठाव मिलर्स द्वारा मिलिंग के लिए कर लिया गया है। संग्रहण केंद्रों में उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव जारी है, लेकिन इसकी रफ्तार काफी धीमी है। ई- नीलामी को लेकर मंगलवार को राज्य स्तर पर अफसरों की वीडियो कांफ्रेंसिंग हुई थी। जिसमें अफसरों को जल्द ही मिलरों व अन्य व्यवसायियों की बैठक लेकर क्रेता पंजीयन की अहर्ता, प्रक्रिया, नीलामी की प्रमुख शर्तों से अवगत कराने निर्देश दिए गए हैं। जिला स्तर पर जल्द ही इसकी बैठक होगी।