महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 27 फरवरी। रेशम विभाग द्वारा 41 ग्रामीण व आदिवासी महिलाओं के लिए 10 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। यह प्रशिक्षण जिले में टसर रेशम विकास में गति देने के लिए 41 ग्रामीण व आदिवासी महिलाओं को टसर कोसा धागाकरण का बुनियाद रीलिंग व विद्युत चलित स्पिनिंग मशीन के सम्बंध में आयोजित है। इसकी शुरुआत कल शुक्रवार को हुई जो 5 मार्च तक चलेगा।
प्रशिक्षण में महासमुन्द विकासखंड के ग्राम लहंगर की 25 और बागबाहरा विकासखंड के ग्राम भालूचुंवा के 16 आदिवासी महिलाएं शामिल हैं। प्रशिक्षण की शुरुआत करते हुए जिला रेशम अधिकारी डॉ. राकेश कुमार गुप्ता ने कहा कि रेशम आधारित जीविकोपार्जन के माध्यम से ग्रामीण आदिवासी महिलाओं को प्रशिक्षण देकर स्वावलंबी बनाना है। इससे वे आत्मनिर्भर बनते हुए अपनी आय में वृद्धि कर सकें।
उन्होंने कहा कि ये महिलाएं प्रशिक्षण के बाद अपने घर पर धागाकरण का कार्य कर प्रतिदिन 200 से 250 रुपए की आय प्राप्त कर सकेंगी। प्रशिक्षण के बाद शतप्रतिशत अनुदान इन महिलाओं को प्रशिक्षण के बाद बुनियादी मिलिंग मशीन व स्पिनिंग मशीन शत्.प्रतिशत् अनुदान पर प्रदान की जाएगी। जिस पर धागाकरण का कार्य कर महिला अपनी आमदनी कर आत्मनिर्भर बनेंगी। केंद्र प्रभारी रेशम आरएस राठौर द्वारा महिलाओं को तकनीकी जानकारी दी गई। वहीं नोडल अधिकारी रेशम एसके टिकरिहा ने विद्युत चलित स्पिनिंग मशीन के बारे में बताया।