महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 1 मार्च। सूचना का अधिकार के तहत आवेदन को गंभीरतापूर्वक नही लेने, प्रथम अपील आदेश का पालन नही करने एवं आवेदक को मांगी गई जानकारी देरी से देने के कारण ग्राम पंचायत सचिव को 25 हजार रुपए अर्थदण्ड का आदेश हुआ है। इस राशि को सचिव के वेतन से वसूली की जाएगी।
गौरतलब है कि आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार दास ने ग्राम पंचायत बिछिया (पो) वि.ख. बसना में 4 अप्रैल 18 को सूचना का अधिकार के तहत 14 वित्त योजना से सम्बंधित जानकारी मांगा था। सचिव ने समय सीमा में आवेदक को सूचना दस्तावेज नहीं दिया। इससे आवेदक ने 10 मई 18 को प्रथम अपील आवेदन मुख्य कार्यपालन अधिकारी बसना के समक्ष प्रस्तुत किया। प्रथम अपीलीय अधिकारी ने इस मामले में सुनवाई कर 30 मई 18 को आदेश पारित किया कि आवेदक को एक सप्ताह भीतर सूचना जानकारी नि:शुल्क उपलब्ध कराई जावे।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी के इस आदेश का पालन तात्कालीन सचिव गीताजंली भोई ने नहीं किया। इस कारण आवेदक ने 07 जुलाई 18 को छत्तीसगढ राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील आवेदन प्रस्तुत किया। इस दौरान सचिव का तबादला बसना से बागबाहरा विकासखंड में हो गया।
इस अपील प्रकरण में मुख्य सूचना आयुक्त एम.के.राउत ने 03 फरवरी 2021 को अंतिम सुनवाई की जिसमें वर्तमान सचिव मेघनाथ पटेल और तात्कालीन सचिव गीताजंली भोई उपस्थित थे।
श्री राउत ने प्रस्तुत समस्त दस्तावेजों का निरीक्षण एवं परीक्षण करने के उपरान्त तात्कालीक सचिव के जवाब को सुना।
प्रकरण में पाया कि गीताजंली भोई ने समय सीमा में आवेदन पर कार्यवाही नहीं की और आवेदक को अत्याधिक विलम्ब से जानकारी दी। इस पर सचिव ने देरी से जानकारी देने का कारण अन्य ग्राम पंचायत में स्थानांतरण हो जाने को बताया। जिसको सूचना आयोग ने उचित समाधान कारण नहीं माना। मुख्य सूचना आयुक्त ने इस प्रकरण में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20 (1) के तहत गीताजंली भोई तात्कालीक सचिव ग्राम पंचायत बिछिया(पो) को 25 हजार रुपए का अर्थदण्ड लगाया। सूचना आयोग ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बसना को इस राशि की वसूली सचिव के वेतन से करके पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।