महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 1 मार्च। जिले में निरस्त हुए व्यक्तिगत वनाधिकार पट्टे के दावों पर एसडीएम समीक्षा करें और पुनर्विचार कर पात्र हितग्राहियों को वनाधिकार पट्टे के वितरण में तेजी लाएं।
उक्त निर्देश रविवार को कलेक्टर डोमन सिंह ने वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से राजस्व अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा के दौरान दी। साथ ही उन्होंने इस कार्य में सम्बंधित विभाग को समन्वय के साथ तेजी से काम करने और निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए पात्र हितग्राहियों को वनाधिकार मान्यता पत्र से लाभ पहुंचाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी चरणबद्ध तरीके से कार्य करते हुए संग्रहण केन्द्रों में रखे धान के उठाव में समन्वय कर तेजी लाएं। कलेक्टर ने स्कूली विद्यार्थियों के जाति, आय व निवास प्रमाण-पत्र के लंबित प्रकरणों व उनमें हो रही समस्याओं को शिक्षा विभाग के समन्वय के साथ निराकरण करने कहा। उन्होंने कहा कि इसके लिए संकुल स्तर पर विशेष कार्ययोजना बनाकर हर स्थिति में निराकरण करें। इस कार्य के लिए संबंधित क्षेत्र के राजस्व अधिकारी, स्कूल के प्राचार्य, विकासखंड शिक्षा अधिकारी साथ रहेंगे।
उन्होंने कहा कि अनुविभागीय अधिकारी राजस्व इन कार्यों की सतत मॉनिटरिंग करते हुए 15 मार्च तक इन कार्यों को पूर्ण कराएं। इस दौरान अपर कलेक्टर जोगेंद्र कुमार नायक, एसडीएम सुनील कुमार चंद्रवंशी, आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त एनआर देवांगन, नगर निवेश के सहायक संचालक एसआर अजगरा, डिप्टी कलेक्टर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे। कलेक्टर ने कॉन्फ्रेंस में कहा कि नगरीय क्षेत्र में प्रदत्त नजूल की भूमि पर आवास बनाकर रह रहे इच्छुक पट्टाधारियों से जिन्होंने पट्टे पर प्राप्त भूमि के सम्बंध में भू-स्वामी अधिकार के लिए आवेदन दिया है, उन्हें गाईड लाईन के आधार पर मालिकाना हक देने की कार्यवाही की जाए। कलेक्टर ने कहा कि मालिकाना हक मिलने से हितग्राही को पट्टे के नवीनीकरण की आवश्यकता नहीं होगी। मालिकाना हक प्राप्त या जमीन डायवर्टेड भी होगी, जिसका उपयोग सम्बंधित व्यक्ति भू-स्वामी अपने हक से कर सकेगा।