सरगुजा

कोतवाली में सिपाही से मारपीट, एफआईआर होने पर पार्षद पहुंचे आईजी दफ्तर
01-Mar-2021 11:27 PM
 कोतवाली में सिपाही से मारपीट, एफआईआर होने पर पार्षद पहुंचे आईजी दफ्तर

  कहा- विवाद सुलझाने गया था और पुलिस ने मुझ पर ही मामला दर्ज कर दिया   

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अम्बिकापुर, 1 मार्च। अंबिकापुर कोतवाली थाना में शनिवार की रात हुए मारपीट की घटना के बाद पुलिस ने 20 घंटे बाद एफआईआर दर्ज कर लिया है। इस एफआईआर में अंबिकापुर महात्मा गांधी वार्ड 20 के पार्षद दीपक मिश्रा का भी नाम है। नाम आने के बाद पार्षद श्री मिश्रा ने एफआईआर होने पर नाराजगी जताते हुए सोमवार को अपने समर्थकों व मोहल्लेवासियों के साथ आईजी दफ्तर पहुंच गए और कहा कि उनके ऊपर किए गए एफआईआर से वह आश्चर्यचकित है।

उन्होंने बताया कि वह कोतवाली थाना जनप्रतिनिधि की हैसियत से विवाद सुलझाने गए थे, न की मारपीट करने। पुलिस उनके ऊपर किस चीज को आधार बनाकर एफआईआर दर्ज कर दी, यह समझ से परे है। श्री मिश्रा ने आईजी से कहा कि वह सीसीटीवी फुटेज का जांच करा लें और अगर उन्हें लगता है कि वह दोषी हैं तो उन्हें आईजी कार्यालय से ही गिरफ्तार कर लिया जाए। पार्षद श्री मिश्रा ने आईजी को ज्ञापन सौंपते हुए उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।

ज्ञापन में उनके द्वारा बताया गया कि 27 फरवरी को थाना कोतवाली अम्बिकापुर में घटित तथा कथित विवाद जिसमें मेरा नाम अनावश्यक रूप से दुर्भावनापूर्ण ढंग से संलिप्त किया गया है, जिससे मेरी छवि एवं मर्यादा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

27 फरवरी को मुझे कुछ लोगों ने फोन पर बताया कि कुछ लडक़ों को थाना में लाकर उनके साथ मारपीट किया जा रहा है, सूचना पर मैं रात्रि करीब 9.45 बजे कोतवाली थाना गया था। उस समय थाने में मामला शांत हो चुका था। थाना प्रभारी एवं नगर पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति में मामले को शांत कराकर दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर अपने-अपने घर जाने को कहा गया, मेरे समक्ष कोतवाली में किसी से कोई झगड़ा या विवाद नहीं हुआ था।

वहां सिर्फ मेरी उपस्थिति से अपराध में मुझे संलिप्त होना बताया जा रहा है, उस तथाकथित घटना का वीडियो क्लिपिंग का अवलोकन किया जा सकता है। उक्त वीडियो क्लीप में मैं कहीं भी मौजूद नहीं हूँ। मैं एक जन प्रतिनिधि होने के कारण सिर्फ अपने दायित्वों का पालन करते हुये कोतवाली गया था, मेरे समक्ष किसी का कोई झगड़ा या विवाद थाने में नहीं हुआ, बल्कि नगर पुलिस अधीक्षक एवं थाना प्रभारी के समक्ष उन दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर वापस घर भेज दिया गया, और मेरा नाम उक्त घटना में दुर्भावानापूर्ण ढंग से लिया जा रहा है, जो न्यायोचित नहीं है। श्री मिश्रा ने आईजी से मांग की है कि मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके।

आरक्षक पर शराब के नशे में मारपीट का आरोप, घायल के परिजनों ने की शिकायत

थाने में मारपीट की घटना को लेकर वसुंधरा विहार कॉलोनी निवासी अभिषेक सिंह ने पुलिस महानिरीक्षक को ज्ञापन सौंपकर उसके भतीजे संकल्प सिंह के साथ आरक्षक द्वारा रात के नशे में मारपीट किए जाने का आरोप लगाया है।

अभिषेक सिंह ने बताया कि उसका भतीजा संकल्प सिंह व उसके दोस्त अर्पित, अंशुल को गाड़ी चलाते समय वाहन चेकिंग के दौरान वाहन के दस्तावेज नहीं होने पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा अंबिकापुर थाना लाया गया था। आरोप लगाया कि वहां सादे ड्रेस में एक आरक्षक द्वारा अभद्र व्यवहार करने पर संकल्प सिंह ने मना किया। उसके बाद आरक्षक ने वहां तीनों के साथ हाथ मुक्का और बेल्ट निकाल कर मारपीट की। जिससे संकल्प के कान से खून निकलने लगा। आरोप यह भी है कि उस दौरान उक्त आरक्षक नशे में था। आरक्षक की मारपीट से संकल्प की स्थिति खराब होने पर उसे रात में परिजन डॉक्टर के पास ले गए, जहां उसे कान में भीतरी चोट लगने के कारण उसे बनारस के मैक्सवेल हॉस्पिटल उपचार के लिए भेजा गया है, जहां वह आईसीयू में दाखिल है। परिजनों ने मामले में निष्पक्ष जांच कर आरक्षक के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।

 इस पूरे मामले को लेकर आईजी आरपी साय ने कहा कि घटना की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी उसके बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।

गौरतलब है कि अंबिकापुर कोतवाली पुलिस ने थाने परिसर के अंदर शनिवार की रात आरक्षक सत्येंद्र दुबे से हुई मारपीट की घटना में यश सिंह, संकल्प, अर्पित, अंशुल, दीपक मिश्रा व एक अन्य महिला सहित अन्य लोगों पर बलवा, शासकीय कार्य में बाधा व मारपीट किए जाने का मामला रविवार की रात को दर्ज किया है।

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