राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 2 मार्च। कलेक्टर टीके वर्मा की अध्यक्षता में उभयलिंगी व्यक्तियों के लिए जागरूकता एवं संवेदनशीलता के लिए जिला कार्यालय समाज कल्याण विभाग द्वारा सोमवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें रायपुर से छत्तीसगढ़ तृतीय लिंग कल्याण बोर्ड के सदस्य विद्या राजपूत, रवीना बरिहा एवं शंकर यादव तथा राजनांदगंाव जिले से तृतीय लिंग समुदाय के 50 सदस्य एवं जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल हुए।
कलेक्टर वर्मा ने कहा कि उभयलिंगी व्यक्तियों को उनके रूचि और योग्यता के अनुरूप रोजगार मूलक प्रशिक्षण कौशल उन्नयन योजना के तहत प्रशिक्षण दिया जाए। कलेक्टर ने उभयलिंगी व्यक्तियों की समस्याओं के निराकरण के प्रति अतिरिक्त सतर्कता एवं संवेदनशीलता अपनाने की समझाईश दी।
छत्तीसगढ़ तृतीय लिंग कल्याण बोर्ड के सदस्य रवीना बरिहा ने तृतीय लिंग समूह प्राचीनकाल से आज तक की स्थिति के बारे में चर्चा की। उन्होंने बताया कि उभयलिंगी को खुद अपनी पहचान तय करने का अधिकार है कि उन्हें स्त्री या पुरूष किस रूप में पहचाना जाना चाहते हंै। इसी आधार पर उन्हें पहचान प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
बोर्ड के सदस्य शंकर यादव ने कहा कि उभयलिंगी को घर और बाहर दोनों जगह तिरस्कार का सामना करना पड़ता है। उपरोक्त स्थिति से निपटने केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा उठाये गए कुछ कदमों और संवैधानिक प्रावधानों तथा उच्चतम न्यायलय के गाईड लाइन का विस्तार से उल्लेख किया गया।
कार्यशाला के अंतिम में कलेक्टर द्वारा तृतीय लिंग कल्याण बोर्ड के सदस्यों को प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया। नोडल अधिकारी समाज कल्याण उप संचालक बीएल ठाकुर द्वारा आभार प्रदर्शन के साथ ही कार्यशाला संपन्न हुई। इस कार्यशाला में जिला पंचायत, स्वास्थ्य विभाग, नगर पालिक निगम, महिला एंव बाल विकास, स्कूल शिक्षा विभाग, खाद्य विभाग, राजस्व विभाग, कौशल विकास, क्रीड़ा विभाग के अधिकारी और समाज कल्याण विभाग के समस्त कर्मचारी शामिल हुए।