गरियाबंद

सखी सेंटर में दी जा रही महिलाओं के अधिकारों की जानकारी
02-Mar-2021 6:51 PM
सखी सेंटर में दी जा रही महिलाओं के अधिकारों की जानकारी

राजिम, 2 मार्च। राजिम माघी पुन्नी मेला में छत्तीगढ़ शासन के महती योजनाओं के बताने के लिए 14 लाभकारी योजनाओं की प्रदर्शिनी डोम के पीछे नदी पर लगाई गई है। जिसमें मेला में आने वाले लोगों को विभागों की जानकारी दी जा रही है। वहॉ ड्यूटी पर लगे अधिकारी कर्मचारी अपने विभाग कीे अधिक से अधिक जानकारी देकर शासन की योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर रहे है। जिससे जरूरतमंद लोगों को समय पर लाभ मिल सकें। महिला बाल विकास विभाग गरियाबंद द्वारा आयोजित प्रदर्शनी महिला एवं बच्चों से संबंधित पूरी जानकारी दे रहे हैं। सखी सेंटर में कार्यरत नम्रता साहू ने बताया की महिलाओं से संबंधित समस्याओं का उपाय इस सेंटर में किया जाता है। जैसे घरेलु हिंसा, दहेज प्रथा, मानसिक प्रताडऩा, बालिकाओं की सुरक्षा, बच्चों की स्वास्थ्य संबंधित जानकारी दी जा रही है। किसी भी तरह महिलाओं को परेशान या प्रताडऩा कर रहे हैं तो सखी सेंटर में जाकर शिकायत करने पर तुरंत कार्यवाही की जाती है। उसकी समस्याओं का समाधान किया जाता है। महिला के जीवन स्वास्थ्य, सुरक्षा अथवा कुशलता को नुकसान पहुॅचाना, खतरे में डालना मौखिक या भावनात्मक दबाव डालना, महिलाओं को क्षति पहुॅचाना, अपराधिक धमकी देना, आर्थिक रूप मदद न करना, बच्चों के पालन-पोषण, कपड़ें, भोजन, शि़क्षा के लिए पैसा न देना आदि समस्या होने पर घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 बना है।

ऐसी सभी महिलाओं को यहॉ संरक्षण मिलता है। कोई भी महिला जिसके साथ घरेलु हिंसा की जा रही हो वे यहॉ अपना शिकायत दर्ज करा सकती है उनकी समस्यों का समाधान कराया जाता हैं। आगे जानकारी देते हुए बताया कि मुंख्यमंत्री सामूहिक विवाह के अंतर्गत ऐसी विवाह योग्य युवती जिनकी उम्र 18 वर्ष हो चुकी है और उनके माता-पिता आर्थिक रूप से कमजोर है, दहेज देने में असमर्थ है उनका महिला-बाल विकास विभाग के द्वारा सामूहिक विवाह कराया जाता है। जिसमें कन्या-दान के रूप में नवविवाहित जोड़ो को 25 हजार तक का सामान प्रोत्साहन के रूप में दिया जाता है उन्हें प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया जाता और 1 हजार नगद राशि के साथ ही चांदी की पायल, अंगुठी व चैन भी दिया जाता है।

                महिला सखी सेंटर के अंतर्गत ही बाल-पोषण देख-रेख के अंतर्गत कुपोषित बच्चों को 5 वर्ष की आयु तक उनके देख-रेख की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से किया जाता है जिनमें विभिन्न योजनाओं के द्वारा उन्हें पूरकपोषण आहार देकर उन्हें स्वास्थ्य और सुपोषित किया जाता है। इसी योजना के अंतर्गत पोषण देख-रेख योजना के अंतर्गत ऐसे बच्चे जो गंभीर रूप से कुपोषित है उन्हें बाल कल्याण समिति द्वारा नगर के ऐसे नागरिक जो बच्चों की मदद करने के लिए आगे आते है उन्हें बच्चों को उन्हें गोद लेने का अधिकार दिया जाता है और उनके रहन-सहन, खान-पान, शिक्षा की जिम्मेदारी दी जाती है जब तक की वह बच्चा पुर्ण रूप से स्वास्थ्य न हो जायें तब दत्तक योजना के अंतर्गत उनका सहयोग किया जाता है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news