गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 2 मार्च। राजिम माघी पुन्नी मेला में प्रतिदिन महानदी की महाआरती का आयोजन शाम 7 बजे किया जा रहा है। इस बार आयोजन की जिम्मेदारी स्थानीय पंडित परिषद को दी गई। जिसमें पंडित अर्जुन नयन तिवारी, पंडित ब्रम्हदत्त शास्त्री, कन्हैया तिवारी, योगेश शर्मा, डॉ. संतोष शर्मा कुम्भज, दिनेश तिवारी, संतोष मिश्रा, भूपेन्द्र पांडे, विकास शर्मा, राम शर्मा, देवेन्द्र दुबे, संजय मिश्रा, ऋषि तिवारी, विजय शर्मा, सूरज शर्मा, नूतन तिवारी, पदुम पांडे, चन्दन पांडे, पं. मदनमोहन, संस्कार मिश्रा, ऋषि दुबे, गोविन्द दुबे द्वारा आरती के मधुर स्वर के साथ श्रद्धाभाव समर्पित कर रहे हैं।
तीसरे दिन आरती में ओएसडी गिरीश बिस्सा, नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर, जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष राघोबा महाडिक, अशोक श्रीवास्तव, पार्षद पुष्पा गोस्वामी, रोशनी गोस्वामी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि शामिल हुए। नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर ने कहा कि नदियां जीवनदायनी है इसके तट पर न सिर्फ जीवन है बल्कि जीवन को पवित्र करने वाली अमृत स्वरूप जल बह रही हैं। राजिम प्रयाग नगरी हैं जहां स्वयं भगवान रामचन्द्र जी पैदल चलकर आए थे। यह हरि और हर की भूमि हैं। जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष राघोबा महाडिक़ ने महानदी की महत्व बताते हुए कहा कि पूर्व में इन्हें चित्रोत्पला नाम से पुकारा जाता हैं अब महानदी मईया नाम श्रद्धालुओं के मस्तिष्क में रच बस गया हैं। इन्हें मोक्ष धाम माना गया हैं। इनके आरती का सौभाग्य किस्मत वालो को मिलता हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक श्रीवास्तव ने त्रिवेणी संगम का गुनगान किया। आरती संचालक डॉ. सतोष कुम्भज ने कहा कि यह तीन नदी में नहीं धर्म आध्यात्म एवं संस्कृति का संगम हैं। ओएसडी गिरीश बिस्सा ने कहा कि प्रतिवर्ष महानदी की आरती का आयोजन साध्यी प्रज्ञा दीदी के सानिध्य में किया जाता था, लेकिन इस बार शासन ने स्थानीय पंडितों को जिम्मेदारी दी गई है, जो बहुत ही सराहनीय है। मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे। तथा हर हर गंगे की जयकारा से पूरा संगम तट गूंज रहा था।