राजनांदगांव
जिलाध्यक्ष, क्षेत्रीय नेताओं का स्वागत सूची में नाम नहीं होने से हंगामा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 3 मार्च। केंद्र सरकार की बहुप्रतिक्षित प्रसाद योजना का शुभारंभ कार्यक्रम कांग्रेसी नेताओं के गुटीय लड़ाई की भेंट चढ़ गई। धर्मनगरी डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी के स्थल को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने की यह महत्वाकांक्षी योजना के उद्घाटन समारोह में कांग्रेसियों के बीच चल रही आंतरिक लड़ाई उस वक्त सतह पर आ गई, जब समारोह के मुख्य अतिथि गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू की मौजूदगी में डोंगरगढ़ के कांग्रेसी नेताओं ने स्वागत सूची में नाम नहीं होने को लेकर हंगामा खड़ा कर दिया। मंच पर आसीन गृहमंत्री समेत अन्य विशिष्ट अतिथि कांग्रेसियों को आपस में लड़ते देख रहे थे।
मंच पर मौजूद डोंगरगढ़ विधायक भुनेश्वर बघेल विवाद को बढ़ता देखकर डोंगरगढ़ शहर कांग्रेस अध्यक्ष संजीव गोमास्ता से बात करने पहुंचे तो शहर अध्यक्ष ने विधायक को भी फटकार लगाई। इस दौरान दोनों के बीच गरमा-गरमी बहस भी हुई। हालांकि शहर अध्यक्ष गोमास्ता ने आरोप लगाया कि जिलाध्यक्ष पदम कोठारी समेत कई प्रमुख नेताओं का नाम स्वागत सूची से गायब है। जबकि जिले के दूसरे ब्लॉकों के नेताओं को स्वागत करने का मौका दिया गया। हालांकि इस दौरान जिलाध्यक्ष पदम कोठारी चुप्पी साधे रहे। जबकि उनके पक्ष में दूसरे नेता हंगामा खड़ा करते नजर आए। बताया जा रहा है कि जब यह हंगामा चल रहा था उस दौरान वर्चुअल संबोधन में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल भी जुड़े हुए थे। दोनों नेताओं ने भी कार्यकर्ताओं की नाराजगी को देखा।
मिली जानकारी के अनुसार स्वागत के दौरान ही कांग्रेस के शहर अध्यक्ष संजीव गोमास्ता ने यह कहकर विरोध शुरू कर दिया कि स्वागत सूची में उनके सहित कांग्रेस नेताओं का नाम नहीं है। इसी बात को लेकर हंगामा खड़ा हो गया। इस दौरान संध्या देशपांडे सहित स्थानीय नेता गोमास्ता के समर्थन में खड़े होकर विरोध करने लगे। इनका आरोप था कि जानबूझकर संगठन के नेताओं की उपेक्षा की जा रही है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष पदम कोठारी भी हंगामे के दौरान उपस्थित थे।
मंच से मंत्री ताम्रध्वज साहू ने भी विरोध कर रहे कांग्रेस नेताओं को समझाने की कोशिश की। डोंगरगढ़ विधायक बघेल भी मंच से नीचे उतरकर कांग्रेसियों को समझाया, लेकिन पदाधिकारी इस कदर नाराज थे कि उन्हें भी खरीखोटी सुना दी।
शहर अध्यक्ष गोमास्ता ने जमकर अपने नेताओं को सुनाया। इधर भाजपा नेताओं ने भी हंगामा खड़ा करते कहा कि उनके पार्टी के अध्यक्ष अमित जैन से 10 लोगों का नाम स्वागत के लिए लिया गया, लेकिन किसी से स्वागत नहीं कराया गया। हंगामे के बीच कार्यक्रम में अफरा-तफरी मची रही। बाद में किसी तरह मामला शांत किया गया।