धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 3 मार्च। सिहावा विधानसभा क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेसियों प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य लखन लाल ध्रुव, वरिष्ठ कांग्रेसी अब्दुल जब्बार खान,अमृत लाल नाग, करण चंद्राकर, प्रदेश सचिव व्यापारी प्रकोष्ठ छत्तीसगढ़ कांग्रेस कैलाश जैन,ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष नगरी भूषण साहू,ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष बेलरगांव कैलाश प्रजापति,ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष मगरलोड डीहूराम साहू, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कुकरेल अखिलेश दुबे, जनपद पंचायत मगरलोड उपाध्यक्ष राजेश साहू ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के मूल मंत्र के साथ आगे बढ़ते हुए नित नई ऊंचाइयों को छू रही है।
उन्होंने कहा प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने बजट में गरीब, मजदूर, किसान, युवाओं सहित सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखा है। भूपेश बघेल सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम जनमानस को मिल रहा है।
कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के संकटकाल में जहां पूरा देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा था वहीं छत्तीसगढ़ सरकार के संवेदनशील और सुसंगत प्रयासों के कारण महात्मा गांधी नरेगा योजना में रोजगार देने तथा मजदूरी भुगतान करने का कीर्तिमान बना। वनोपज खरीदी का राष्ट्रीय कीर्तिमान बना। शिक्षा, स्वास्थ्य तथा पोषण के लिए किए गए नवाचारों तथा प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित घर वापसी एवं पुनर्वास के प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली।
प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल के ड्रीम प्रोजेक्ट सुराजी ग्राम योजना के तहत स्थानीय संसाधनों के संरक्षण व पुनर्जीवन का अभियान कोरोना संकटकाल के दौरान बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ और आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रारंभ की गई इस योजना के तहत कृषि, पंचायत एवं वन विभाग में उपलब्ध राशि के अभिसरण से स्वीकृत लाखों विकास कार्यों के कारण संकट के दौर में भी छत्तीसगढ़ में ग्रामीण रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई।
प्रदेश सरकार ने गोबर को गोधन बनाने की दिशा में सुविचारित कदम उठाते हुये गोधन न्याय योजना लागू की, जिसमें पशु पालकों से गोबर क्रय करके गोठानों में वर्मी कंपोस्ट एवं अन्य उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है। योजना के क्रियान्वयन से जैविक खेती एवं गौ-पालन को बढ़ावा, पशु पालकों को आर्थिक लाभ तथा रोजगार के नये अवसरों का सृजन हो रहा है। प्रदेश सरकार की इस पहल को भारत सरकार एवं अन्य राज्यों द्वारा भी सराहा गया है।
प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में विशिष्ट सृजनात्मक कलाओं की बहुलता है, जिसे रोजगार के अवसर में ढालने के लिये शहरी क्षेत्रों में पौनी-पसारी योजना शुरू की गई थी, इस दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए अब ग्रामीण क्षेत्रों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना की बात बजट में कही गई है जिससे परम्परागत व्यवसायिक गतिविधियों के संचालन एवं विपणन की सुविधा प्रदान की जाएगी।
गोठान योजना के लिये वर्ष 2021-22 के बजट में 175 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना में धान एवं अन्य फसलों को शामिल करके बोये गये रकबे के आधार पर किसानों को प्रोत्साहन राशि देकर कृषि की लागत को कम करने का प्रयास किया गया है। इससे कृषि क्षेत्र में निवेश एवं फसल उत्पादन में वृद्धि हुई है।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना हेतु वर्ष 2021-22 के बजट में 5 हजार 703 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
मत्स्य पालन को बढ़ावा देने हेतु इसे कृषि के समान दर्जा दिये जाने की कार्यवाही की बात बजट में कही गई है साथ ही वर्ष 2021-22 के बजट में मत्स्य पालन की गतिविधियों के लिये 171 करोड़ 20 लाख का प्रावधान रखा गया है।
परम्परागत ग्रामीण व्यवसायिक कौशलों के पुनरूद्धार एवं कर्मकारों को सहयोग प्रदान करने के लिए तेलघानी विकास बोर्ड, चर्म शिल्पकार विकास बोर्ड, लौह शिल्पकार विकास बोर्ड एवं रजककार विकास बोर्ड की स्थापना की जायेगी।
12 लाख 50 हजार तेंदू पत्ता संग्राहक परिवारों को आकस्मिक मृत्यु अथवा दुर्घटना की स्थिति में सुरक्षा प्रदान करने के लिए च्च्शहीद महेंद्र कर्मा तेंदू पत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना’’ प्रारंभ की गई है। वर्ष 2021-22 के बजट में इस हेतु 13 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
पत्रकारों की दुर्घटनाजन्य आकस्मिक मृत्यु के प्रकरणों में दी जाने वाली सहायता राशि को 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करने की बात बजट में कही है।
श्रीराम वन गमन पर्यटन परिपथ के प्रति आम जनता की श्रद्धा एवं लोकप्रियता को देखते हुए योजना अंतर्गत चिन्हित कार्यों को गति प्रदान करने हेतु 2021-22 में 30 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
वनांचल एवं दूरस्थ क्षेत्रों में मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना के माध्यम से नि:शुल्क स्वास्थ जांच, चिकित्सा सुविधा एवं दवाईयां वितरण की सुविधा ग्रामीणों को उपलब्ध करायी जा रही है। इसके लिये वर्ष 2021-22 के बजट में 13 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
सिंचाई की 4 वृहद परियोजनाओं अरपा-भैंसाझार, केलो जलाशय, राजीव समोदा निसदा व्यपवर्तन एवं सोंढूर जलाशय हेतु वर्ष 2021-22 के बजट में 203 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
उद्यमिता एवं रोजगार को बढ़ावा देने के लिये सभी निर्माण विभागों में स्नातक बेरोजगारों को ‘‘ई-श्रेणी’’ में पंजीयन की सुविधा दी गई है। अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में कक्षा बारहवीं उत्तीर्ण आवेदकों को भी ई श्रेणी में पंजीयन हेतु पात्रता दी गई है।
पेयजल हेतु घरों तक नल कलेक्शन की सुविधा देने के लिए जल जीवन मिशन योजना में 850 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
बस्तर संभाग के सभी जिलों में ‘बस्तर टाइगर्स’ विशेष बल का गठन किया जायेगा। बल में अंदरूनी ग्रामों के स्थानीय युवाओं को भर्ती में प्राथमिकता दी जायेगी।
महिलाओं के पोषण में सुधार के लिए द्वितीय संतान बालिका के जन्म पर राज्य द्वारा 5 हजार रूपये की एकमुश्त सहायता राशि दी जायेगी। इसके लिये नवीन कौशल्या मातृत्व योजना प्रारंभ करने की बात बजट में कही गई है।
इसके साथ ही बजट में नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक परिक्षेत्र की स्थापना,कांकेर, कोरबा और महासमुंद में मेडिकल कॉलेज भवन के लिए 300 करोड़ का प्रावधान,119 नए अंग्रेजी माध्यम स्कूल और खुलेंगे,7 नवीन महाविद्यालय एवं 3 कन्या महाविद्यालय की स्थापना,
11 नई तहसीलें और 5 नए अनुविभाग की स्थापना,
सी-मार्ट स्टोर की स्थापना, स्वच्छता दीदियों का मानदेय 6000 रूपए करने की बात की कही गई है।