गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 3 मार्च। आज के युवा रातों-रात कामयाबी चाहते हैं, जबकि सच्चाई ये है कि बिना मेहनत के कुछ नहीं मिलता। युवा चाहे वे जिस क्षेत्र में करियर बनाना चाहें, लगातार अभ्यास और समर्पण बहुत जरूरी है। यह कहना है धरोहर लोक कला मंच संस्थापक महादेव हिरवानी का। राजिम में चल रहे माघी पुन्नी मेले की तीसरी शाम धरोहर के नाम रही। हिरवानी ने मीडिया सेंटर में लोक कलामंच से जुड़ी बातें साझा की।
इसलिए रखा धरोहर नाम
हम कलाकारों का दायित्व मनोरंजन के अलावा हमारी बोली-भाषा और संस्कृति को भावी पीढ़ी को हस्तांतरित करना भी है। नई पीढ़ी भी इसे आगे बढ़ाए और सहेज कर रखे। यही सोचकर हमने लोक कला मंच का नाम धरोहर रखा।
आज के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं, लेकिन अश्लीलता से बचें
सोशल मीडिया के दौर में हर किसी को प्लेटफॉर्म उपलब्ध है। इसमें कोई शक नहीं कि हमारे युवा प्रतिभा से परिपूर्ण हैं, लेकिन ऐसा कोई प्रयोग न करें जिससे छत्तीसगढ़ की संस्कृति पर प्रहार हो। गीतों में अश्लीलता हावी न होने दें।
लक्ष्मण मस्तुरिया, मिथिलेश साहू हैं आदर्श
माघी पुन्नी मेले में पहली बार आने का सौभाग्य मिला है। दर्शकों ने खूब प्यार दिया। राजनांदगांव से शुरू हुआ सफर 10 साल पूरे कर चुका है। अब तक दिल्ली और भोपाल समेत कई शहरों में प्रस्तुति दे चुके हैं। श्री हिरवानी ने बताया कि लक्ष्मण मस्तुरिया और मिथिलेश साहू उनके आदर्श है, उनके गीतों को सुनकर अभ्यास करते हैं।